
चंपावत जिले के लोहाघाट क्षेत्र में 18 कुमाऊं रेजीमेंट के अग्निवीर दीपक सिंह (20) के अंतिम संस्कार के दौरान मंगलवार को ऐसा विवाद सामने आया जिसने सभी को हैरान कर दिया। जहां एक ओर पूरे क्षेत्र में जवान की अकाल मृत्यु से शोक की लहर थी, वहीं दूसरी ओर अंत्येष्टि स्थल पर विधायक और थाना प्रभारी एसओ के बीच तीखी तकरार हो गई। इस दौरान दोनों पक्षों द्वारा अशोभनीय भाषा के इस्तेमाल का वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिससे लोगों में गहरा आक्रोश और निराशा है।
घटना 24 नवंबर की है, जब पाटी ब्लॉक के खरही गांव के निवासी दीपक सिंह का सैन्य सम्मान के साथ कुशीला ताल घाट में अंतिम संस्कार किया जा रहा था। इसी दौरान अचानक विधायक खुशाल सिंह अधिकारी और प्रभारी एसओ बिपुल जोशी के बीच कहा-सुनी शुरू हो गई। वीडियो में दोनों एक-दूसरे पर ऊंची आवाज में आरोप लगाते तथा गरिमा-विहीन भाषा का उपयोग करते देखे जा सकते हैं, जबकि आसपास सेना अधिकारी, पुलिस कर्मी और ग्रामीण मौजूद थे।
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वीडियो में एसओ बिपुल जोशी विधायक से कहते दिखाई देते हैं— “तेरा कार्य अभी हो जाएगा, यह कार्य बाद में होगा… तुझे तमीज तो होनी चाहिए… तू किससे बात कर रहा है…”। इसी दौरान एक व्यक्ति यह भी कहता सुनाई देता है कि “दरोगा भी उंगली उठाकर ऐसे कर रहा है।” इस पर विधायक का जवाब आता है— “ऐसे उंगली खड़ी कर बात कर रहा है… तुम्हारा खा रखा है क्या?” झगड़ा इतना बढ़ गया कि मौके पर मौजूद सेना अधिकारी, पुलिस और जनप्रतिनिधियों ने हस्तक्षेप कर दोनों को शांत कराया।
स्थानीय लोगों का कहना है कि शहीद जवान की अंत्येष्टि जैसे संवेदनशील मौके पर इस तरह का विवाद बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और अनुचित है। लोगों का मानना है कि ऐसे मुद्दों पर बाद में भी बातचीत हो सकती थी, लेकिन अंतिम संस्कार स्थल पर गरमागरमी दिखाना शोकाकुल वातावरण के विपरीत था।
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विवाद को लेकर एसओ बिपुल जोशी ने कहा कि वे विधायक को चेहरे से नहीं पहचानते थे, हालांकि उनका नंबर मोबाइल में सेव था। उन्होंने बताया कि शमशान स्थल पर शोकाकुल माहौल के कारण अभिवादन करना स्वाभाविक नहीं था, लेकिन इसी बात को लेकर विधायक और उनके बीच बहस बढ़ गई। वहीं, विधायक खुशाल सिंह अधिकारी ने आरोप लगाया कि एसओ ने उंगली हिलाते हुए अभद्र तरीके से बात की और जनप्रतिनिधियों के सम्मान का बिल्कुल ख्याल नहीं रखा। अंत्येष्टि स्थल पर हुई इस 1.05 मिनट की बहस का वीडियो अब पूरे इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है। स्थानीय लोगों ने इस घटना को जवान के सम्मान और सामाजिक मर्यादा के विरुद्ध बताया है।





