
- मतदाता सूची में सुधार का अंतिम मौका
- एसआईआर से पहले करवाएँ नाम अपडेट
- दोहरे वोटरों को नोटिस की चेतावनी
- ऑनलाइन फॉर्म-6, 7 और 8 तेजी से भरें
- निर्वाचन विभाग की नागरिकों से त्वरित अपील
देहरादून | उत्तराखंड में आगामी चुनावों की तैयारी के बीच मतदाता सूची से जुड़े हर प्रकार के कार्यों के लिए यह समय अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। निर्वाचन विभाग ने राज्यभर में मतदाता सूची के अद्यतन कार्यों को तेज़ी से आगे बढ़ाना शुरू कर दिया है, ताकि विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) शुरू होने से पहले अधिकतम नागरिक अपने नाम से संबंधित आवश्यक सुधार या अद्यतन कार्य पूरे कर सकें। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वर्तमान समय में नाम जोड़ने, नाम हटाने, पता और अन्य विवरणों में सुधार करने की प्रक्रिया सुचारू रूप से चल रही है, लेकिन जैसे ही एसआईआर औपचारिक रूप से लागू होगा, इन सभी कार्यों पर अस्थायी विराम लग जाएगा। उस दौरान नागरिक केवल आवेदन जमा कर सकेंगे, जिनका निस्तारण पुनरीक्षण प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही संभव होगा।
निर्वाचन विभाग ने स्पष्ट रूप से चेतावनी जारी की है कि जिन नागरिकों का नाम दो अलग-अलग जगहों पर दर्ज है, वे तुरंत एक स्थान से अपना नाम हटवाएँ, अन्यथा चुनाव आयोग की ओर से उन्हें औपचारिक नोटिस भेजा जा सकता है। दोहरे पंजीकरण के मामलों को आयोग अत्यंत गंभीरता से लेता है, और इसे चुनावी अनुशासन के खिलाफ मानता है। इसी प्रकार, जिन योग्य नागरिकों का नाम अभी तक मतदाता सूची में सम्मिलित नहीं हो पाया है, उनके लिए भी यह सुनहरा अवसर है कि वे जल्द से जल्द नया वोट बनवा लें और एसआईआर की प्रक्रिया में नियमित रूप से शामिल हो सकें। विभाग की ओर से लगातार अपील की जा रही है कि नागरिक देर न करें और समय रहते अपने विवरण अपडेट करवाएँ।
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नया वोट बनवाने वाले नागरिकों के लिए चुनाव आयोग की वेबसाइट पर फॉर्म-6 पहले से उपलब्ध है, जहाँ आवेदक अपनी आयु, पते और पहचान संबंधी आवश्यक दस्तावेज अपलोड करके ऑनलाइन आवेदन दर्ज कर सकते हैं। जिन व्यक्तियों का नाम दो जगह दर्ज पाया जाता है, वे फॉर्म-7 के माध्यम से एक स्थान से अपना नाम हटवा सकते हैं। इसके अलावा, मतदाता सूची में दर्ज किसी भी प्रकार की गलती—जैसे नाम की वर्तनी, पते में बदलाव या अन्य व्यक्तिगत विवरण—के सुधार के लिए फॉर्म-8 उपलब्ध है। इन फॉर्म्स के साथ आयोग ने विस्तृत दिशानिर्देश भी जारी किए हैं, जिनमें मोबाइल नंबर की अनिवार्यता, आधार से सत्यापन और दस्तावेजों की वैध प्रतियों से संबंधित नियमों को विस्तार से बताया गया है।
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निर्वाचन विभाग ने स्पष्ट किया है कि एसआईआर शुरू होने के बाद भले ही आवेदन जमा किए जा सकेंगे, लेकिन उनकी जांच और स्वीकृति पर रोक रहेगी। ऐसे में यदि नागरिक चाहते हैं कि उनका नाम सही रूप में मतदाता सूची में दर्ज हो जाए, तो वर्तमान समय ही सबसे उपयुक्त है। विभाग ने यह भी कहा है कि मतदाता सूची में त्रुटियाँ होने पर नागरिकों को मतदान के अधिकार से वंचित होना पड़ सकता है, इसलिए नाम जोड़ने, हटाने या सुधारने जैसे सभी कार्य अभी ही कर लेना बेहतर रहेगा। राज्य भर के बीएलओ भी घर-घर जाकर मतदाता सूची से जुड़े कार्यों को पूरा करने में लगे हैं और लोगों को आवश्यक जानकारी दे रहे हैं।
इस सक्रिय प्रक्रिया के चलते उम्मीद की जा रही है कि उत्तराखंड की मतदाता सूची अधिक सटीक, अद्यतन और पारदर्शी बनेगी, जिससे चुनावी प्रक्रिया सुचारू रूप से आयोजित हो सकेगी। विभाग की अपील है कि नागरिक अपनी जिम्मेदारी समझें और समय रहते अपने नाम से जुड़े सभी संशोधन पूर्ण कर लें, ताकि भविष्य में किसी प्रकार की असुविधा न हो सके।





