
देहरादून | मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव वन के साथ एक विशेष बैठक में राज्य में वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने बैठक में स्पष्ट निर्देश दिए कि भालुओं और अन्य वन्यजीवों के हमलों में घायल हुए किसी भी व्यक्ति के उपचार का पूरा खर्च राज्य सरकार वहन करेगी। मुख्यमंत्री ने यह भी जोर दिया कि प्रत्येक घायल को समय पर और समुचित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है, ताकि किसी प्रकार की देरी से जीवन पर जोखिम न पड़े।
बैठक में मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों को आदेशित किया कि उपचार में किसी भी प्रकार की बाधा या विलंब न हो और आवश्यक संसाधन तत्काल प्रभावित व्यक्तियों तक पहुँचाए जाएँ। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि घायलों को बेहतर और गुणवत्ता युक्त चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के साथ-साथ प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा उपायों को भी मजबूत किया जाए और स्थानीय लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए कदम उठाए जाएँ।
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इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार द्वारा वन्यजीव हमलों में मृतकों के परिजनों को मिलने वाले मुआवजे की राशि को पांच लाख रुपये से बढ़ाकर दस लाख रुपये कर दिया है। यह निर्णय परिवारों की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करने और वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं के गंभीर प्रभाव को कम करने के लिए उठाया गया है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया कि प्रभावित क्षेत्रों में नियमित निगरानी और सुरक्षा उपायों को सख्ती से लागू किया जाए, ताकि भविष्य में वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि सरकार न केवल तत्काल राहत और उपचार प्रदान करेगी, बल्कि दीर्घकालिक सुरक्षा और जागरूकता सुनिश्चित करने के लिए भी ठोस कदम उठाएगी।
इस बैठक में वन विभाग सहित अन्य संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे, और उन्होंने मुख्यमंत्री को प्रभावित क्षेत्रों में उठाए जा रहे सुरक्षा उपायों और इलाज की व्यवस्थाओं की वर्तमान स्थिति से अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी सुरक्षा और राहत उपायों की समय-समय पर समीक्षा की जाए और प्रभावी ढंग से कार्यान्वित किया जाए।
राज्य सरकार की यह पहल स्पष्ट रूप से वन्यजीव संघर्ष के प्रभावित व्यक्तियों और उनके परिवारों के प्रति संवेदनशीलता और जिम्मेदारी को दर्शाती है, साथ ही यह दिखाती है कि सरकार गंभीरता से वन्यजीवों और मानवों के बीच संतुलन बनाए रखने और सुरक्षित सह-अस्तित्व सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है।







