
देहरादून। उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी मंच द्वारा राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर किए जाने वाले वार्षिक सम्मान समारोह में इस वर्ष जिलाधिकारी देहरादून सविन बंसल को ‘मित्र सम्मान’ से सम्मानित किया गया। प्रधानमंत्री के आगमन से जुड़ी तैयारियों के बीच, रविवार सुबह जिलाधिकारी शहीद स्मारक सभागार पहुंचे, जहां मौजूद सभी राज्य आंदोलनकारियों ने खड़े होकर तालियां बजाते हुए उनका स्वागत किया। पुष्पलता सिलमाणा, द्वारिका बिष्ट, सत्या पोखरियाल और विजयलक्ष्मी गुसांई ने उन्हें पुष्पगुच्छ भेंट किया, जबकि जगमोहन सिंह नेगी, डॉ. अतुल शर्मा, रविन्द्र जुगरान, पृथ्वी सिंह नेगी और वेदा कोठारी ने उन्हें शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया।
कार्यक्रम का संचालन प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप कुकरेती ने किया। उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी सविन बंसल ने अपने कार्यकाल में जिस सरलता, संवेदनशीलता और त्वरित फैसलों से जनता को राहत पहुंचाई है, वह पूरे समाज के लिए प्रेरणादायक है। प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी ने कहा कि देहरादून को ऐसा सक्षम अधिकारी मिला है जिसने अपने निर्णयों और कार्रवाई से जन-जन का विश्वास जीता है। पूर्व राज्य मंत्री रविन्द्र जुगरान ने कहा कि जिलाधिकारी द्वारा हर सोमवार आयोजित होने वाला जनता दरबार सैकड़ों लोगों के लिए राहत का माध्यम बन गया है—चाहे वह बुजुर्गों की मदद हो, दिव्यांगों की समस्याएँ हों या आपदा में त्वरित कार्रवाई।
जिलाधिकारी सविन बंसल ने ‘मित्र सम्मान’ के लिए मंच का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि जनता की सेवा करना उनकी नैतिक जिम्मेदारी है और यह जिम्मेदारी उन्हें अपने वरिष्ठों तथा जनप्रतिनिधियों से प्रेरणा देती है। उन्होंने 1994 के आंदोलन के समय को याद करते हुए कहा कि राज्य आंदोलनकारियों के संघर्ष ने ही पृथक उत्तराखण्ड राज्य का मार्ग प्रशस्त किया।
कार्यक्रम में महासचिव रामलाल खंडूड़ी और युद्धवीर सिंह चौहान ने मांग रखी कि राज्य स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं को जल्द शासनादेश के रूप में जारी किया जाए तथा लंबित सम्मानपत्र सभी आंदोलनकारियों तक पहुंचाए जाएं। पृथ्वी सिंह नेगी, केशव उनियाल और धर्मपाल रावत ने चिन्हीकरण के नियमों में शिथिलता की मांग उठाई, ताकि बुजुर्ग महिला आंदोलनकारियों को न्याय मिल सके।
बैठक में बड़ी संख्या में राज्य आंदोलनकारी उपस्थित रहे, जिनमें डॉ. अतुल शर्मा, केशव उनियाल, रविन्द्र जुगरान, देवी गोदियाल, अधिवक्ता पृथ्वी सिंह नेगी, वेदा कोठारी, विशम्भर दत्त बौठियाल, पूरण सिंह लिंगवाल, जबर सिंह बर्तवाल, द्विज बहुगुणा, युद्धवीर सिंह चौहान, सुरेश नेगी, मोहन खत्री, चन्द्रकिरण राणा, शैलेश सेमवाल, धर्मपाल रावत समेत अनेक वरिष्ठ आंदोलनकारी और संगठन के सदस्य शामिल रहे।





