
देहरादून। उत्तराखंड की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के लिए लंबे समय से चली आ रही प्रतीक्षा अब समाप्त होने जा रही है। महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग ने सेवानिवृत्ति और मृत्यु पर मिलने वाली एकमुश्त धनराशि को बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार कर लिया है, जिसके अंतर्गत प्रदेश की लगभग 38 हजार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को लाभ मिलेगा। नए प्रस्ताव के अनुसार सेवानिवृत्ति पर अब अधिकतम चार लाख 32 हजार रुपये तक की एकमुश्त राशि मिलने का प्रावधान किया गया है, जो वर्तमान राशि 46,540 रुपये की तुलना में कई गुना अधिक है।
विभागीय निदेशक बीएल राणा के अनुसार आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कल्याण कोष योजना में वर्षों से बढ़ोतरी की मांग की जा रही थी। इस विषय पर मंत्री रेखा आर्या की अध्यक्षता में दो बार समीक्षा बैठकें हुईं, जिसके बाद वित्तीय वर्ष 2026-27 से यह व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया गया। प्रस्ताव के तहत न्यूनतम एक लाख रुपये की एकमुश्त राशि तय की गई है, जबकि 10 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुकी कार्यकर्ताओं को एक लाख 62 हजार रुपये और 30 वर्ष की सेवा पर चार लाख 32 हजार रुपये एकमुश्त दिए जाने की व्यवस्था की गई है।
इस व्यवस्था को लागू करने के लिए कल्याण कोष में 25 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आवश्यकता होगी, जिसके लिए राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा। विभाग ने यह भी सुझाव दिया है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से लिया जाने वाला मासिक अंशदान 100 रुपये से बढ़ाकर 300 रुपये किया जाए ताकि कल्याण कोष को मजबूत बनाया जा सके। विभाग का कहना है कि अंतिम प्रस्ताव शासन को भेजने से पहले आंगनबाड़ी संगठन से विचार-विमर्श किया जा रहा है। संगठन के सुझावों को शामिल करने के बाद इसे अंतिम रूप दिया जाएगा।
उधर, राज्य आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ की प्रांतीय अध्यक्ष सुशीला खत्री ने कहा कि अंशदान बढ़ाने से पहले कार्यकर्ताओं के मानदेय में बढ़ोतरी आवश्यक है। संगठन बिना मानदेय वृद्धि के अंशदान बढ़ाने के प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करेगा। नई व्यवस्था लागू होने से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सेवानिवृत्ति के बाद आर्थिक सुरक्षा और सम्मानजनक सहयोग मिल सकेगा, जो लंबे समय से उनकी प्रमुख मांग रही है।





