
देहरादून। राजधानी के तहसील चौक पर ड्यूटी कर रही यातायात पुलिस की महिला सिपाही पर एक विक्रम चालक ने जानलेवा हमला करने की कोशिश की और खुलेआम धमकी दी कि “तुझे कल का सूरज नहीं देखने दूंगा।” घटना ने न केवल पुलिस प्रशासन को झकझोर दिया है बल्कि सड़क पर कानून व्यवस्था की चुनौती को भी उजागर किया है। घटना चार नवंबर की सुबह करीब साढ़े सात बजे की है। यातायात सिपाही रेशमा रोज की तरह तहसील चौक से प्रिंस चौक की ओर जाने वाले मार्ग पर ट्रैफिक नियंत्रित कर रही थीं।
इसी दौरान एक विक्रम चालक ने नो-पार्किंग जोन में खड़ी अपनी गाड़ी हटाने से मना कर दिया। बताया गया कि सिपाही रेशमा पिछले दो दिनों से उसी चालक को नियमों का पालन करने की चेतावनी दे रही थीं, जिस कारण चालक उनसे रंजिश रखता था। घटनास्थल पर मौजूद लोगों के अनुसार, आरोपी ने अचानक तेज रफ्तार में विक्रम चलाकर सिपाही को कुचलने की कोशिश की, लेकिन रेशमा ने तत्परता से पीछे हटकर अपनी जान बचाई। इस दौरान चालक हंसते हुए विक्रम लेकर प्रिंस चौक की ओर फरार हो गया। सिपाही ने तत्काल गाड़ी का नंबर नोट कर पुलिस को सूचना दी।
रेशमा ने पुलिस को बताया कि आरोपी ने एक दिन पहले ही उन्हें जान से मारने की धमकी दी थी। उसने कहा था कि “तुझे कल का सूरज नहीं देखने दूंगा।” पुलिस के अनुसार, आरोपी चालक पर पहले भी ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन और नो-पार्किंग से जुड़ी शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं। सिपाही के बयान के आधार पर शहर कोतवाली में सरकारी कार्य में बाधा डालने, सरकारी कर्मचारी पर हमला करने की कोशिश, और धमकी देने समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। हालांकि, पुलिस ने अभी तक हत्या के प्रयास (धारा 307) की धारा शामिल नहीं की है, जिस पर अब सवाल उठ रहे हैं।
शहर कोतवाल प्रदीप पंत ने बताया कि घटना की गंभीरता को देखते हुए जांच की जा रही है और आरोपी की तलाश में टीमें गठित कर दी गई हैं। वहीं, एसपी ट्रैफिक लोकजीत सिंह ने कहा कि “महिला सिपाही के आरोपों को गंभीरता से लिया गया है। अभियोग पंजीकृत कर विवेचना शुरू हो चुकी है, और आवश्यक साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं।” यह घटना महिला पुलिस कर्मियों की सुरक्षा पर भी बड़ा प्रश्नचिह्न छोड़ती है। ट्रैफिक ड्यूटी के दौरान जहां महिला सिपाहियों को रोजाना सैकड़ों वाहन चालकों से निपटना पड़ता है, वहीं इस तरह की घटनाएं उनकी सुरक्षा व्यवस्था और कार्य परिस्थितियों की कमजोरी को उजागर करती हैं।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, जल्द ही आरोपी चालक की पहचान कर उसकी गिरफ्तारी की जाएगी। वहीं, विभागीय स्तर पर महिला पुलिसकर्मियों के लिए अतिरिक्त सुरक्षा प्रबंध और निगरानी व्यवस्था लागू करने पर भी विचार किया जा रहा है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।





