
राजीव कुमार झा
सोशल मीडिया पर आने वाली नई खबरों के अनुसार, फुलेना सिंह की जगह अब अमरेश कुमार अनीस लखीसराय में कांग्रेस के उम्मीदवार होंगे। ऐसी स्थिति में भी फुलेना सिंह को अपनी उम्मीदवारी को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। क्या तेजस्वी यादव सिर्फ राष्ट्रीय जनता दल के नेता हैं या महागठबंधन के भी नेता? अगर वह खुद को महागठबंधन का सच्चा नेता मानते हैं, तो लखीसराय में राजद नेता के रूप में पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान गठबंधन के अनुशासन को तोड़कर कांग्रेस उम्मीदवार अमरेश कुमार अनीस के विरुद्ध चुनाव लड़ने वाले फुलेना सिंह को किस आधार पर महागठबंधन का उम्मीदवार बनाया गया? ज्ञातव्य है कि फुलेना सिंह ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पिछले विधानसभा चुनाव में लखीसराय के कुछ पिछड़ी जाति के वोटों के अलावा दियारा के भूमिहारों के वोट को अपने खाते में जोड़कर विजय कुमार सिन्हा के खिलाफ अमरेश कुमार अनीस की हार का मार्ग प्रशस्त किया था।
क्या तेजस्वी यादव ने लखीसराय से फुलेना सिंह को राजद का टिकट देते हुए महागठबंधन के अन्य नेताओं से कोई परामर्श किया? बताया जा रहा है कि पटना में महागठबंधन उम्मीदवारों का टिकट तय करते समय अनियमितताएं हुई हैं। कांग्रेस और राजद के शीर्ष नेताओं ने अपनी मनमानी से उम्मीदवारों के नाम तय किए और कई सीटों पर रुपए-पैसों के लेन-देन के आधार पर निर्णय लिया गया। ऐसे में महागठबंधन के लिए बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में आशा के अनुरूप प्रदर्शन करना कठिन प्रतीत होता है। सच पूछिए तो बिहार में महागठबंधन हार की कगार पर खड़ा है और इसके लिए कार्यकर्ताओं को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।
बिहार में नीतीश कुमार सरकार से बेहतर सरकार की आशा में महागठबंधन कार्यकर्ताओं का मन बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में आशा की लौ की तरह प्रज्वलित था, लेकिन अब निराशा के बादल घिरते दिखाई दे रहे हैं। अस्वस्थ होने के कारण राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद पूरे राज्य का दौरा नहीं कर पा रहे हैं, जिससे जनमानस को एकजुट करना कठिन हो गया है। राजद में लालू प्रसाद जैसी करिश्माई नेतृत्व क्षमता का अभाव महागठबंधन की चुनावी सभाओं में दिखाई दे रहा है।
तेजस्वी यादव को इस कठिन समय में अपनी पार्टी के साथ महागठबंधन का नेतृत्व संभालना होगा। इसके लिए पहले लखीसराय के महागठबंधन कार्यकर्ताओं को यह स्पष्ट करना होगा कि फुलेना सिंह को किस आधार पर महागठबंधन का उम्मीदवार घोषित किया गया। फुलेना सिंह को भी पिछले विधानसभा चुनाव में हुई हार की नैतिक जिम्मेदारी स्वीकार करते हुए राजद से प्राप्त चुनाव सिंबल वापस करना चाहिए और महागठबंधन की एकता को पुनः स्थापित करते हुए जेपी के सपनों को साकार करने में नए उत्साह के साथ जुट जाना चाहिए।