
हल्द्वानी। राज्य सरकार की मातृ-पितृ तीर्थाटन योजना के तहत 32 श्रद्धालुओं के दल को मंगलवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हल्द्वानी सर्किट हाउस में आयोजित समारोह में हरी झंडी दिखाकर गंगोत्री धाम की ओर रवाना किया। यह यात्रा पांच दिन की है, जिसमें श्रद्धालु गंगोत्री सहित मार्ग में आने वाले विभिन्न पवित्र धार्मिक स्थलों का दर्शन करेंगे। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सभी यात्रियों को सुरक्षित, सुखद और मंगलमय यात्रा की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि मातृ-पितृ तीर्थाटन योजना का उद्देश्य वरिष्ठ नागरिकों को धार्मिक स्थलों के दर्शन का अवसर प्रदान करना और उनके जीवन में आध्यात्मिक शांति एवं आनंद का संचार करना है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार इस योजना के माध्यम से नागरिकों को न केवल धार्मिक अनुभव देती है, बल्कि उनकी सामाजिक और मानसिक तंदुरुस्ती के लिए भी प्रयासरत है।
इस पांच दिवसीय यात्रा दल में 19 महिला और 13 पुरुष श्रद्धालु शामिल हैं। यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं के आवास और भोजन की सभी व्यवस्थाएं गढ़वाल मंडल विकास नियम के अनुसार पर्यटक आवास केंद्रों में की गई हैं। इस योजना का उद्देश्य यह भी है कि यात्रियों को यात्रा के दौरान कोई असुविधा न हो और वे पूर्ण रूप से धार्मिक और आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त कर सकें। कार्यक्रम में स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं अधिकारीगण भी उपस्थित रहे। हल्द्वानी सर्किट हाउस में आयोजित इस समारोह में विधायक बंशीधर भगत (कालाढूंगी) और राम सिंह कैड़ा (भीमताल), भाजपा जिलाध्यक्ष प्रताप बिष्ट, कुमाऊं मंडल के आयुक्त दीपक रावत, आईजी रिद्धिम अग्रवाल सहित अन्य अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि मौजूद थे। उन्होंने भी श्रद्धालुओं को यात्रा की शुभकामनाएं दी और योजना की सफलता के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया।
जानकारी के अनुसार, मातृ-पितृ तीर्थाटन योजना राज्य सरकार द्वारा वरिष्ठ नागरिकों को धार्मिक स्थलों तक पहुँचाने और उनके मानसिक एवं आध्यात्मिक विकास को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई है। योजना के तहत गंगोत्री यात्रा के अतिरिक्त अन्य प्रमुख तीर्थस्थलों के लिए भी यात्राओं का आयोजन समय-समय पर किया जाता है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ऐसी योजनाओं के माध्यम से न केवल नागरिकों की धार्मिक और सांस्कृतिक जुड़ाव को बढ़ावा देती है, बल्कि उन्हें अपने जीवन के अनुभवों और आध्यात्मिक संतुलन को भी बेहतर बनाने का अवसर प्रदान करती है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि सभी श्रद्धालु इस यात्रा के दौरान न केवल धार्मिक अनुभव प्राप्त करेंगे, बल्कि यात्रा की सुरक्षा और सुविधा से संतुष्ट रहेंगे।
राज्य सरकार की मातृ-पितृ तीर्थाटन योजना उत्तराखंड में वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में मानी जाती है। पिछले वर्षों में इस योजना के तहत कई समूहों को केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री समेत अन्य पवित्र स्थलों की यात्रा कराई जा चुकी है। इस प्रकार, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति और शुभकामनाओं के साथ श्रद्धालुओं का यह दल पांच दिवसीय आध्यात्मिक यात्रा के लिए रवाना हुआ, जिसमें उन्हें धार्मिक स्थलों के दर्शन के साथ-साथ यात्रा की सभी सुविधाओं का लाभ भी सुनिश्चित किया गया है।