
सुनील कुमार माथुर
सदस्य, अणुव्रत लेखक मंच, जोधपुर (राजस्थान)
अणुव्रत मासिक पत्रिका के साठ पृष्ठों में पाठकों के नैतिक, चारित्रिक मूल्यों एवं आदर्श संस्कारों से संबंधित ढेरों सामग्री प्रति माह प्रस्तुत की जा रही है, जिसे आत्मसात करने से व्यक्ति के संपूर्ण व्यक्तित्व में निखार आ जाता है। हर रचना एक से बढ़कर एक और ज्ञानवर्धक व प्रेरणादायक है।
सितंबर के अंक में प्रकाशित रचनाएँ — अणुव्रत: एक मानव धर्म, धर्म क्या है?, जीवन विकास के सूत्र, शांति सम्पन्न बनो, अहिंसा का पराक्रम, अणुव्रत: समाज शुद्धि का आंदोलन, पुरुषार्थ का दीप, सफलता का उजाला, अनीति के सरोवर में नैतिकता का कमल, परिचर्चा, अणुव्रत समाचार तथा चित्रमय अणुव्रत की बात जैसी ढेरों ज्ञानवर्धक, प्रेरणादायक व शिक्षाप्रद कहानियाँ और आलेख विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं।
पत्रिका ऑनलाइन व्हाट्सएप पर पढ़ने को मिली है और आज के समय में बच्चों को ऐसी पुस्तकें अवश्य पढ़ने के लिए दी जानी चाहिए। शिक्षण संस्थाओं के वाचनालयों व पुस्तकालयों में भी इसे मंगाया जाना चाहिए ताकि बच्चे इसे पढ़कर अपने जीवन को संवार सकें। अभिभावकों को भी चाहिए कि इस पारिवारिक पत्रिका को अपने घर में मंगाएँ ताकि परिवार का हर सदस्य लाभान्वित हो सके। पत्रिका का गेटअप, मेकअप और छपाई काफी अच्छी है।
अणुव्रत मासिक
मूल्य: एक प्रति 70 रुपये | पृष्ठ: 60
संपादक: संचय जैन
संपादकीय कार्यालय: अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी, अणुव्रत भवन, 210 दीनदयाल उपाध्याय मार्ग, नई दिल्ली – 110002
समीक्षक: सुनील कुमार माथुर, जोधपुर