
सुनील कुमार माथुर
सदस्य, अणुव्रत लेखक मंच, जोधपुर (राजस्थान)
रविवार का दिन था। सुनील चाय की चुस्कियों के साथ सवेरे बगीचे में एक बाल पत्रिका पढ़ रहा था। तभी एक मित्र लालचंद जी आए, जो काफी परेशान लग रहे थे। सुनील ने उनसे परेशानी का कारण पूछा तो उन्होंने बिना रुके अपनी समस्या विस्तार से बताई और कहा — “अब मेरा क्या होगा?”
सुनील ने मित्र को धैर्य बंधाते हुए चाय पिलाई और हिम्मत दी। तब मित्र लालचंद के दिल की तेज़ धड़कनें धीरे-धीरे सामान्य हुईं। सारी बात सुनने के बाद सुनील ने मुस्कुराते हुए कहा — “समस्या जब भी आती है, वह अपने साथ समाधान भी लाती है और हमें नई राह दिखाती है। बस, ईश्वर पर भरोसा रखिए और परेशानियों से घबराइए नहीं। समय पर अनुभवी लोगों की राय अवश्य लें — समाधान अवश्य मिलेगा।”
मित्र लालचंद ने सुनील की सलाह मानी और अनुभवी लोगों की राय लेकर कार्य किया। परिणाम यह हुआ कि उसे समय पर समाधान मिल गया और वह आज बेहद खुश है। वह अब भी अपने मित्रों का आभार व्यक्त करता है कि उन्होंने समय पर सही मार्गदर्शन देकर उसे परेशानी से उबार लिया।
जीवन में कभी न कभी संकट और परेशानियाँ आती ही रहती हैं, लेकिन यदि समय रहते अनुभवी लोगों की राय ले ली जाए तो तत्काल समाधान मिल सकता है। बस ज़रूरत है संयम, धैर्य और सहनशीलता की।