
देहरादून। यूकेएसएसएससी (उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग) की स्नातक स्तरीय परीक्षा मामले में लापरवाही का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। हरिद्वार जिले में ड्यूटी पर तैनात सेक्टर मजिस्ट्रेट के.एन. तिवारी को निलंबित कर दिया गया है। तिवारी आदर्श बाल सदन इंटर कॉलेज, बहादरपुर जट में परीक्षा ड्यूटी पर तैनात थे और उन्हें प्रथम दृष्टया गंभीर लापरवाही का दोषी पाया गया।
तिवारी वर्तमान में जिला ग्राम्य विकास अभिकरण, हरिद्वार में परियोजना निदेशक के पद पर कार्यरत हैं। विभागीय जांच में यह स्पष्ट हुआ कि परीक्षा ड्यूटी के दौरान उनकी निष्क्रियता और ढिलाई से संवेदनशील स्थिति उत्पन्न हुई। इसी आधार पर शासन ने उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।
SIT करेगी जांच
राज्य सरकार ने इस पूरे प्रकरण की जांच विशेष जांच टीम (SIT) को सौंपी है। SIT की अध्यक्षता एडिशनल एसपी स्तर के अधिकारी करेंगे और इसकी निगरानी हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश करेंगे। सरकार ने SIT को एक माह के भीतर जांच रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है। मुख्य सचिव आनंद वर्द्धन ने मीडिया से बातचीत में कहा कि परीक्षा प्रणाली की पारदर्शिता और सुचिता सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। अभ्यर्थियों के हितों से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
जांच का दायरा
SIT परीक्षा से जुड़ी हर पहलू की पड़ताल करेगी, खासकर पेपर सेंटर से बाहर जाने के मामले की। जांच टीम सभी जिलों में जाएगी और अभ्यर्थियों व आम नागरिकों से संबंधित तथ्य व साक्ष्य भी एकत्रित करेगी।
मुख्य सचिव ने कहा — “जांच पूरी होने तक आयोग कोई नई कार्रवाई नहीं करेगा। रिपोर्ट आने के बाद दोषियों के खिलाफ कठोर दंडात्मक कदम उठाए जाएंगे और भविष्य में ऐसी घटनाएं रोकने के लिए ठोस उपाय किए जाएंगे।”
अभ्यर्थियों की निगाहें जांच पर
इस मामले में बेरोजगार युवाओं ने पहले ही सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे और इसे “मीठी टॉफी” करार दिया था। अब सभी की निगाहें SIT की रिपोर्ट पर टिकी हैं, जिससे यह तय होगा कि जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों पर कितनी सख्त कार्रवाई होगी।