
देहरादून | देहरादून के कैंट क्षेत्र में रहने वाला 30 वर्षीय ई-रिक्शा चालक 28 नवंबर 2022 को अचानक लापता हो गया था। उसने परिवार को बताया था कि वह तीन सवारियों को लेकर गुच्चुपानी जा रहा है। अगले ही दिन यानी 29 नवंबर 2022 की दोपहर उसका शव गुच्चुपानी नाले में बुरी तरह पत्थरों से कुचला हुआ मिला। पुलिस जांच से पता चला कि यह कोई सामान्य हत्या नहीं बल्कि सोची-समझी साजिश थी। मृतक की पत्नी के अवैध संबंध आरोपी साबिर अली से थे, और उसी रिश्ते ने इस नृशंस हत्याकांड को जन्म दिया।
अदालत का फैसला
एडीजे प्रथम महेश चंद्र कौशिबा की अदालत ने शुक्रवार को अपना फैसला सुनाया।
- अरशद, शाहरुख और रवि कश्यप को फांसी की सजा सुनाई गई। अदालत ने कहा कि तीनों को “तब तक फांसी पर लटकाया जाए जब तक उनकी मृत्यु न हो जाए।”
- साबिर अली और रईस खान को कठोर आजीवन कारावास की सजा दी गई।
- पांचों दोषियों पर 25-25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया।
अदालत ने साफ कहा कि यह हत्या समाज और कानून के खिलाफ एक क्रूरतम अपराध है और इसके लिए कठोर दंड आवश्यक है। अदालत ने यह भी आदेश दिया कि दोषी साबिर अली और रईस खान, मृतक ई-रिक्शा चालक के बच्चों को एक-एक लाख रुपये का मुआवजा देंगे। यह राशि तीन महीने के भीतर जमा करनी होगी।
घटनाक्रम: कब क्या हुआ
- 28 नवंबर 2022 – चालक ई-रिक्शा से घर से निकला।
- 29 नवंबर 2022 – दोपहर में पत्थरों से कुचला शव गुच्चुपानी नाले से बरामद।
- 1 दिसंबर 2022 – पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया।
- 15 जनवरी 2023 – छठा आरोपी रईस खान गिरफ्तार।
- 24 फरवरी 2023 – पुलिस ने आरोपपत्र दाखिल किया।
- 5 अगस्त 2023 – अभियुक्तों पर आरोप तय।
- 17 अगस्त 2023 – गवाही और सुनवाई शुरू।
- 23 जुलाई 2025 – फैसला सुरक्षित रखा गया।
- 5 अगस्त 2025 – पांच अभियुक्त दोषी करार, पत्नी बरी।
- 22 अगस्त 2025 – दोषियों को सजा सुनाई गई।