
धराली गाँव में कहर बनकर टूटा पानी और मलबा, कई घर जमींदोज, सेना और राहत बल जुटे बचाव में
📦 प्रमुख बिंदु (Box 1: Highlights of the Incident)
- घटना उत्तरकाशी के धराली गाँव में मंगलवार दोपहर करीब 2 बजे हुई।
- 40 से 50 घर बह गए, 100 से ज़्यादा लोग लापता।
- 4 लोगों की मौत की पुष्टि, 20 से अधिक लोगों को बचाया गया।
- ITBP, SDRF, NDRF, और स्थानीय प्रशासन राहत कार्य में जुटे।
- कई राहत टीमें खराब मौसम और भूस्खलन के चलते रास्ते में फंसीं।
उत्तराखंड के उत्तरकाशी ज़िले के हर्षिल क्षेत्र में धराली गाँव के पास मंगलवार को अचानक आई बाढ़ और भीषण बादल फटने से भारी तबाही हुई है। जिला प्रशासन और आपदा राहत एजेंसियों के अनुसार, इस आपदा में अब तक कम से कम 4 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 100 से ज़्यादा लोगों के लापता होने की आशंका है। घटनास्थल पर राहत और बचाव कार्य जोरों पर है लेकिन खराब मौसम, मलबा और अवरुद्ध रास्तों की वजह से अभियान में चुनौतियाँ सामने आ रही हैं।
मौके पर मौजूद स्थानीय लोगों और अधिकारियों ने बताया कि जब हादसा हुआ तब धराली में 200 से ज़्यादा लोग, जिनमें स्थानीय निवासी और यात्री शामिल थे, मौजूद थे। इनमें से अब तक 20 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है जबकि शेष की तलाश जारी है। गंभीर रूप से घायलों को प्राथमिक चिकित्सा दी जा रही है। बादल फटने की इस घटना के बाद क्षेत्र में भूस्खलन भी हुआ, जिससे भारतीय सेना के शिविर और बचाव दल के कुछ हिस्से भी प्रभावित हुए। घटनास्थल के पास स्थित खीर गंगा नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया, जिससे भारी मलबा आया और कई इमारतें, होटल और होमस्टे बह गए।
सरकारी प्रयास और राहत कार्य
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून स्थित आपदा परिचालन केंद्र में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर स्थिति का जायजा लिया और राहत कार्यों की निगरानी की। उन्होंने कहा कि “एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, आईटीबीपी, और जिला प्रशासन की टीमें युद्ध स्तर पर कार्य कर रही हैं।” मुख्यमंत्री धामी ने सोशल मीडिया पर कहा कि “मैं सभी लोगों की सुरक्षा की कामना करता हूँ।” एनडीआरएफ के डीआईजी मोहसेन शहीदी ने बताया कि उत्तरकाशी में घटना के तुरंत बाद तीन टीमें रवाना की गईं हैं, जिनमें प्रत्येक में 35 प्रशिक्षित कर्मी हैं। एक अतिरिक्त टीम भी भेजी जा रही है। आईटीबीपी की 16 सदस्यीय एक टीम पहले ही मौके पर पहुँच चुकी है और एक अन्य टीम रास्ते में है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया और संवेदनाएँ
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री धामी से बात कर हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि “उत्तरकाशी में आई इस त्रासदी के संबंध में स्थिति का जायजा लिया है। राहत और बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ और आईटीबीपी की टीमें मौके पर पहुँच रही हैं।” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस त्रासदी पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि “उत्तरकाशी के धराली में हुई त्रासदी से प्रभावित लोगों के प्रति मैं अपनी संवेदना व्यक्त करता हूँ। मैंने मुख्यमंत्री से बात कर स्थिति की जानकारी ली है और राहत कार्य में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है।”
चुनौतियाँ और वर्तमान स्थिति
घटनास्थल पर स्थानीय पुलिस, एसडीआरएफ, आईटीबीपी और सेना की राजपूत राइफल्स की टीमें राहत कार्य में जुटी हैं। उत्तरकाशी की एसपी सरिता डोभाल के अनुसार, “कुछ टीमें रास्तों में फंसी हुई हैं क्योंकि वहाँ और भी भूस्खलन हुआ है। लेकिन लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया जा रहा है।” स्थानीय प्रशासन ने लोगों से अनुरोध किया है कि अफवाहों पर ध्यान न दें और ज़रूरत पड़ने पर दिए गए आपातकालीन नंबरों पर संपर्क करें। ज़िले के कई क्षेत्र अब भी बिजली और संचार व्यवस्था से कटे हुए हैं।
गंगोत्री धाम संपर्क से बाहर
चार धाम में से एक, गंगोत्री धाम, इस घटना के बाद से बाकी हिस्सों से पूरी तरह कटा हुआ है। रास्ते बहने और भूस्खलन के कारण संपर्क मार्ग बंद हो गया है। तीर्थयात्रियों को अस्थायी शेल्टर में सुरक्षित रखा गया है और उनके लिए भोजन और दवाओं की व्यवस्था की जा रही है।
📞 आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर (Box 2: Helpline Numbers)
- उत्तरकाशी जिला प्रशासन: 01374-222126, 222722, 9456556431
- हरिद्वार जिला केंद्र: 01374-222722, 7310913129, 7500737269
- देहरादून राज्य केंद्र: 0135-2710334, 2710335, 8218867005, 9058441404