
डॉ.राजीव डोगरा
कौन जाने मेरे सतगुरु
तुम बिन मुझ कौन जाने।
कौन तारे मेरे सतगुरु
तुम बिन मुझ कौन तारे।
कौन संभाले मेरे सतगुरु
तुम बिन मुझ कौन संभाले।
कौन समझे मेरे सतगुरु
तुम बिन मुझ कौन समझे।
कौन सँवारे मेरे सतगुरु
तुम बिन मुझ कौन सँवारे।
कौन ज्ञान चक्षु दें मेरे सतगुरु
तुम बिन मुझ कौन दें ।
कौन भव पार करें मेरे सतगुरू
तुम बिन मुझ कौन पार करें।
डॉ.राजीव डोगरा
कांगड़ा हिमाचल प्रदेश (युवा कवि लेखक) (हिंदी अध्यापक) पता-गांव जनयानकड़, कांगड़ा हिमाचल प्रदेश