
यह जीवन अनमोल है। अच्छाईयों के एक एक तिनके को बुनकर हम अपने आदर्श चरित्र का निर्माण करते है लेकिन बुराई का एक झोंका ही सब कुछ नष्ट कर देता हैं। प्रायः हम चिड़िया का घोंसला देखते है वह कितनी मेहनत से एक एक तिनका चुनकर घर बनाती हैं। #सुनील कुमार माथुर, जोधपुर (राजस्थान)
[/box]जीवन बडा ही अनमोल है। अतः जीवन ऐसा जीओं की उसकी खुशबू देश व दुनियां में फैले। इसके लिए हमें हमेंशा सकारात्मक सोच रखकर अपनी मंजिल की ओर बढना होगा। इसके लिए हमें सभी के साथ मधुर संबंध रखने होगे। संबंधों की डोर इतनी मजबूत होनी चाहिए कि कोई उसे तोडना चाहे तो भी वह न टूटने पाये।
किसी ने बहुत ही सुन्दर बात कहीं है कि नजरों में सम्मान और बोलने में लिहाज, यही हर संबंध की सबसे मजबूत डोर हैं। लेकिन आज बात बात पर संबंधों की डोर टूट रही है। घर में बेटी का नाम खुशबू हैं और बेटे का प्रेम फिर भी घर में शांति का माहौल नहीं है। बहू का नाम शीतल हैं, लेकिन फिर भी घर परिवार में हर वक्त कलह ही रहता हैं, चूंकि किसी में भी सहन शक्ति व त्याग की भावना नहीं है।
जीवन में प्रेम, स्नेह, ममता, वात्सल्य, धैर्य, त्याग, सहनशीलता, करूणा जैसे भाव होना नितांत आवश्यक है। जब हमारे में आदर्श गुणों का समावेश होगा तभी तो हमारा जीवन सुंदर होगा अन्यथा हर रोज कलह ही कलह हैं। आज का इंसान इतना स्वार्थी हो गया है कि वह अपने सामने किसी को भी कुछ नहीं समझता है।
यह जीवन अनमोल है। अच्छाईयों के एक एक तिनके को बुनकर हम अपने आदर्श चरित्र का निर्माण करते है लेकिन बुराई का एक झोंका ही सब कुछ नष्ट कर देता हैं। प्रायः हम चिड़िया का घोंसला देखते है वह कितनी मेहनत से एक एक तिनका चुनकर घर बनाती हैं लेकिन आंधी का एक झोंका ही ऊसे नष्ट कर देता हैं।अत जीवन में सदैव श्रेष्ठ लेखन व श्रेष्ठ कर्म ही करे।
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