
यात्रा वृत्तांत : अहिल्याबाई की नगरी ‘महेश्वर’, राजवाड़ा में अहिल्याबाई के पूजा-पाठ की सामग्रियां भी संग्रहित करके रखी गई हैं। अहिल्याबाई ने यहां नर्मदा नदी के तट पर भी मंदिर बनवाया था और आजकल इस मंदिर की मरम्मत का काम यहां हो रहा था। महेश्वर एक छोटा सा शहर है। #राजीव कुमार झा
[/box]महेश्वर मध्यप्रदेश के खरगोन जिले में स्थित है। इस छोटे से शहर की देश के पर्यटन मानचित्र पर अपनी एक पहचान है। मैंने इंदौर से धामनोद पहुंचने के अगले दिन महेश्वर जाने ने का कार्यक्रम बनाया। महेश्वर के बारे में मुझे जानकारी थी और इसे अहिल्याबाई की राजधानी के रूप में जाना जाता है।
महेश्वर का किला नर्मदा के तट पर स्थित है। यहां इन दिनों यह नदी पानी से लबालब भरी दिखाई दे रही थी और नदी के तट से ऊंची सीढ़ियों पर चढ़कर पर्यटक, तीर्थयात्री और श्रद्धालु किले के भीतर जाकर यहां के श्री राम मंदिर में भगवान शंकर के शिवलिंग की पूजा अर्चना करते हैं।
फिर आगे रजवाड़ा में जाने के बाद अपनी जिस गद्दी पर बैठकर अहिल्याबाई शासनकार्य किया करती थीं, उसे देखने का मौक़ा मिलता है। राजवाड़ा के बाहर महेश्वरी साड़ियों की कई दुकानें हैं। महेश्वर में राज राजशेखर मंदिर परिसर में हिन्दू धर्म के विभिन्न देवी देवताओं के मंदिर स्थित हैं।
राजवाड़ा में अहिल्याबाई के पूजा-पाठ की सामग्रियां भी संग्रहित करके रखी गई हैं। अहिल्याबाई ने यहां नर्मदा नदी के तट पर भी मंदिर बनवाया था और आजकल इस मंदिर की मरम्मत का काम यहां हो रहा था। महेश्वर एक छोटा सा शहर है।
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