
सुनील कुमार माथुर
इस नश्वर संसार में कदम – कदम पर चुनौतियां हैं । विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पडता है । आज चारों ओर हताशा व निराशा का माहौल हैं । लेकिन हमें इन सब सब घबराना नहीं चाहिए और अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए निर्भय होकर आत्मविश्वास के साथ आगें बढना होगा । जो चुनौतियों से घबरा जाता हैं वह कभी भी अपने निर्धारित लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाता हैऔर सदैव के लिए उसके मन में निराशा का भाव घर कर जाता हैं।
अतः उठो जागो और निर्भयता के साथ अपना नेक कर्म कीजिये । कर्म में पूरी ईमानदारी , निष्ठा , मेहनत , श्रम एवं सत्य का भाव होना चाहिए और फिर देखिए ऐसी कोई ताकत नहीं है जो आपको अपनी मंजिल तक पहुंचने से रोक सके । सकारात्मक सोच ही आपका मूलमंत्र होना चाहिए । जिसका आत्मविश्वास मजबूत हो और सोच बडी होती है वह अपने कार्य में कभी भी पिछड नहीं पाता है । अपितु उतरोतर आगें ही बढता रहता है।
जीवन में आलोचनाओं से कभी भी न घबराइये अपितु अपनी कमियॉ व गलतियों को सुधारते हुए आगें बढें । जीवन में समय – समय पर सही व अनुभवी लोगों से राय व सहयोग लीजिए और अपने कार्य में सुधार लाइए । काम के साथ ही साथ अपने परिवार को भी पूरा समय दीजिये । केवल धन के पीछे ही न भागे।
केवल भौतिक सुख सुविधाओं के पीछे ही न भागे । धन से हम भौतिक सुख सुविधाओं को तो खरीद सकते है लेकिन वक्त को नहीं । वक्त किसी के लिए भी रुकता नहीं है व गया समय कभी भी वापस नहीं आता है । अतः वक्त की कीमत को समझें व जीवन के एक – एक क्षण का आनंद लीजिए । जो न्याय के लिए आवाज उठाता है ईश्वर सदैव उसके साथ रहता है। हमारे संत महात्माओं व बडे बुजुर्गों ने ठीक ही कहां हैं कि पवित्र मन दुनियां का सबसे बडा तीर्थ है।
¤ प्रकाशन परिचय ¤
![]() | From »सुनील कुमार माथुरलेखक एवं कविAddress »33, वर्धमान नगर, शोभावतो की ढाणी, खेमे का कुआ, पालरोड, जोधपुर (राजस्थान)Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
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