
देहरादून | पर्यटन विभाग ने राज्यभर में 500 नेचर गाइड तैयार करने की महत्वाकांक्षी योजना शुरू की है। इस पहल का उद्देश्य स्थानीय युवाओं को स्वरोजगार और रोजगार के नए अवसर प्रदान करना है, साथ ही उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों को वादियों, अनछुए स्थलों, जैव विविधता और पक्षी जीवन के बारे में विशेषज्ञ जानकारी उपलब्ध कराना भी है।
इस योजना की शुरुआत अल्मोड़ा जिले के बिन्सर से हो चुकी है। यहां नेचर गाइड प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ किया गया है, जिसमें प्रशिक्षणार्थियों को न केवल पर्यटन से जुड़ी बारीकियां सिखाई जा रही हैं, बल्कि प्रकृति संरक्षण और पर्यावरणीय संतुलन की अहमियत भी समझाई जा रही है।
प्रशिक्षण 15 दिन का होगा, जिसके बाद पर्यटन एवं हॉस्पिटैलिटी स्किल काउंसिल की ओर से परीक्षा आयोजित की जाएगी। इस परीक्षा में सफल उम्मीदवारों को केंद्र सरकार से मान्यता प्राप्त नेचर गाइड प्रमाणपत्र दिया जाएगा। यह प्रमाणपत्र न केवल राज्य बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी मान्य होगा, जिससे युवाओं को रोजगार के दायरे और अवसरों में वृद्धि होगी।
पर्यटन विभाग की अपर निदेशक पूनम चंद ने जानकारी दी कि यह प्रशिक्षण पूरी तरह निःशुल्क है। विभाग का मानना है कि इस पहल से युवाओं को आर्थिक मजबूती मिलेगी और पर्यटकों को उत्तराखंड की वादियों, जंगलों और प्राकृतिक धरोहरों की खूबियों को और गहराई से जानने का अवसर प्राप्त होगा।
इस योजना के जरिए सरकार का लक्ष्य है कि उत्तराखंड के पर्यटन को नई दिशा मिले और राज्य की अर्थव्यवस्था में प्रकृति-आधारित पर्यटन का योगदान और मजबूत हो।