उत्तराखण्ड समाचार

बर्फ में फंसे 47 मजदूर बचाए गए, आठ की तलाश जारी

जोशीमठ (चमोली)। भारत-चीन सीमा पर स्थित सीमांत जिले चमोली के माणा के पास भीषण हिमस्खलन में फंसे मजदूरों को निकालने का काम जारी है। श्वेत मरुस्थल में फंसे मजदूरों को सुरक्षित बचाने के लिए मौसम खुलते ही माणा में बचाव अभियान चल रहा है। अभी तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। उम्मीद की जा रही है कि बाकी फंसे मजदूरों को भी सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा। घटनास्थल से जो सूचनाएं मिल रही है, उनके मुताबिक, बाकी मजदूर एक कंटेनर में हैं, जो पूरी तरह से बर्फ से ढक चुका है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हिम आपदा प्रभावित क्षेत्र माणा,चमोली के लिए देहरादून से प्रस्थान किया। गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे भी उनके साथ रवाना हुए। प्रधानमंत्री मोदी ने सीएम धामी से फ़ोन पर बात कर जनपद चमोली के माणा में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित निकालने के लिए चलाए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी ली। साथ ही उन्होंने प्रदेश में हो रही बारिश और हिमपात की स्थिति पर भी विस्तृत जानकारी ली। इस दौरान प्रधानमंत्री ने केंद्र सरकार की ओर से किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए हर संभव सहायता प्रदान किए जाने का आश्वासन दिया।

यदि मौसम अनुकूल रहा तो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शनिवार को ग्राउंड जीरो पर जाकर स्थिति का जायजा भी ले सकते हैं। मुख्यमंत्री धामी ने हेली रेस्क्यू के लिए वायुसेना के हेलिकॉप्टर के साथ ही यूकाडा के हेलिकॉप्टरों को भी शनिवार सुबह रेस्क्यू अभियान में शामिल करने के निर्देश दिए हैं। सीएम ने बताया कि शनिवार सुबह युद्धस्तर पर राहत और बचाव कार्य संचालित किए जाएंगे और प्रत्येक श्रमिक की सुरक्षित वापसी के लिए जो संभव होगा, वह करेंगे।

उत्तराखंड में शुक्रवार को भारत-चीन (तिब्बत) सीमा क्षेत्र में माणा कैंप के पास भारी हिमस्खलन में फंसे मजदूरों की तलाश के लिए आज शनिवार सुबह से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। बर्फ में फंसे 47 मजदूर बचा लिए गए हैं। अब आठ की तलाश जारी। पीएम मोदी ने भी सीएम धामी से बात कर स्थिति के बारे जाना। उपजिलाधिकारी चंद्रशेखर वशिष्ठ ने बताया कि मौसम खुलते ही माणा में रेस्क्यू शुरू किया गया। ज्योतिर्मठ से पहला हेली कुछ जवानों को लेकर रवाना हुआ। अब तक मिली जानकारी के अनुसार सुबह भारतीय सेना ने 14 और लोगों को बचाया है। कुछ को गंभीर चोटें आई हैं, जिनका इलाज चल रहा है।

उत्तराखंड के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी के बीच शुक्रवार को भारत-चीन (तिब्बत) सीमा क्षेत्र में माणा कैंप के पास भारी हिमस्खलन हुआ था।। इस दौरान वहां निर्माण कार्य में लगे 55 मजदूर बर्फ में दब गए। शुक्रवार शाम पांच बजे तक 33 मजदूरों को सेना और आईटीबीपी के जवानों ने सुरक्षित निकाल लिया था, जबकि 22 मजदूरों का कुछ पता नहीं चल सका है। देर शाम तक इनकी तलाश की गई, लेकिन इसके बाद तेज बर्फबारी और क्षेत्र में आठ फीट तक बर्फ जमी होने से रेस्क्यू ऑपरेशन रोकना पड़ा। मौसम साफ होने पर शनिवार सुबह फिर रेस्क्यू अभियान शुरू किया गया है।


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