Day: October 12, 2022
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साहित्य लहर
शाम बोली रात से ?
राजेश ध्यानी शाम बोली रात से ? अब मेरा दिवाना आयेंगा , रात कहें शांम से मेरा चांद भी आयेगा।…
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साहित्य लहर
ऐ सनम मेरे
मुकेश कुमार ऋषि वर्मा जब प्रातः बेला में चिड़ियां गाती हैं कलियां खिलकर फूल बन जाती हैं ऐ सनम मेरे…
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साहित्य लहर
कविता : आओ ऐसा दीप जलाएं
सुनील कुमार माथुर आओं ऐसा दीप जलाएं जहां घोर अंधकार छाया हो अंहकार , घमंड , राग – ध्देष जहां…
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साहित्य लहर
कविता : हर चेहरे पर मधु मुस्कान हो
सुनील कुमार माथुर हर चेहरे पर मधु मुस्कान हो हर झौपड पट्टी और हर घर आंगन में दीपक जगमग करता…
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