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लोगों को फंसाकर ऐंठ लिए 2 मिलियन डॉलर

नई दिल्ली। ऑनलाइन ठगों ने अब फ्रॉड करने का नया तरीका निकाला है. इस समय विदेशों में ‘Hi Mum’ कोड से काफी फ्रॉड को रहे हैं, जिसको देखते हुए इसे स्कैम कहा जा रहा है. इसको लेकर मोबाइल फोन यूज करने वाले लोगों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है. इसमें अपराधी अज्ञात मोबाइन नंबर से मैसेजिंग एप्पलिकेशन पर व्यक्ति का बेटा या बेटी होने का दावा करने वाला टेक्स्ट मैसेज भेजता है.

इसमें वो बताता है कि उनके बेटे या बेटी का फोन गुम हो गया है और वो बताते हैं कि वो पुराने नंबर हटा दें और नया नंबर सेव कर लें. एक बार जब पीड़ित बातचीत में शामिल हो जाता है, तो अपराधी पैसे उधार लेने या उनकी ओर से भुगतान करने के लिए कहेगा. इसमें आम तौर पर एक बहाना शामिल होगा कि उन्हें इसकी आवश्यकता क्यों है – उदाहरण के लिए, नए मोबाइल फोन पर ऑनलाइन बैंकिंग नहीं चल पा रही है, वगैरह.

ऑस्ट्रेलिया के साइबर क्राइम स्क्वाड कमांडर, डिटेक्टिव सुपरिंटेंडेंट मैथ्यू क्राफ्ट ने कहा कि यह घोटाला दुनिया भर के माता-पिता के लिए महंगा होता जा रहा है. क्राफ्ट ने कहा कि पहले Hi Mum घोटाले के शिकार विदेशों में हुए थे, लेकिन मई के बाद से हमने न केवल NSW में बल्कि पूरे ऑस्ट्रेलिया में मामले बढ़े हैं.

उन्होंने कहा कि हम लोगों को जालसाजों द्वारा किए गए संदिग्ध व्यवहारों को देखने के बारे में बताते हैं, जिनमें फोन पर बात नहीं करना शामिल है. अगर आपको मोबाइल पर संदिग्ध मैसेज मिलता है, विशेष रूप से सोशल मीडिया का मैसेजिंग ऐप से तो अपने रिश्तेदार से बात करें और कॉल करने के लिए कहां कि यह वास्तव में वही हैं. बीते कुछ महीनों में इस घोटाले से ऑस्ट्रेलिया में करीब दो मिलियन डॉलर का फ्रॉड हुआ है. ऑस्ट्रेलियाई अधिकारी के मुताबिक, इसमें सबसे ज्यादा 55 साल से अधिक उम्र के लोग फ्रॉड का शिकार हो रहे हैं, जिनमें अधिकतर मां-बाप शामिल हैं क्योंकि वो बच्चों के लिए तुरंत रुपये भेज देते हैं.

इनमें सबसे ज्यादा केस NSW और विक्टोरिया में सामने आए हैं, जिसके बाद पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया और क्लींसलैंड की जगह है. Hi Mum से फ्रॉड करने वाले पैसा मिलने पर बैंक खातों से रुपये क्रिप्टो करेंसी में ट्रांसफर कर लेते हैं और पीड़ितों को अपना पैसा वापस पाने की संभावना नहीं होती है. जिन लोगों ने किसी घोटाले में पैसा गंवा दिया है, उन्हें जल्द से जल्द अपने बैंक या वित्तीय संस्थान से संपर्क करना चाहिए और पुलिस को मामले की सूचना देनी चाहिए.

Devbhoomi Samachar

देवभूमि समाचार में इंटरनेट के माध्यम से पत्रकार और लेखकों की लेखनी को समाचार के रूप में जनता के सामने प्रकाशित एवं प्रसारित किया जा रहा है।

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