
डोईवाला। साहित्य और समाज को जोड़ने वाली प्रमुख पत्रिका “साईं सृजन पटल” का 14वां अंक मंगलवार को डोईवाला में विमोचित किया गया। यह विमोचन स्पेक्स के अध्यक्ष और वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. बृजमोहन शर्मा के कर-कमलों से संपन्न हुआ। इस मौके पर साहित्यकारों, पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने बड़ी संख्या में शिरकत की और पत्रिका की दिशा व दृष्टि पर विस्तार से चर्चा की। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ. बृजमोहन शर्मा ने कहा कि “साईं सृजन पटल” सिर्फ एक पत्रिका नहीं है, बल्कि यह साहित्य, संस्कृति और समाज को जोड़ने वाला एक सेतु है। उन्होंने कहा कि यह पत्रिका नई पीढ़ी के लेखकों और रचनाकारों को मंच देती है, जिससे उनकी साहित्यिक पहचान समाज के सामने आती है। उन्होंने कहा कि साहित्य किसी भी समाज की आत्मा होता है और “साईं सृजन पटल” उस आत्मा को जीवंत रखने का कार्य कर रही है।
पत्रिका के संस्थापक और संपादक प्रो. (डॉ.) के. एल. तलवाड़ ने पत्रिका की दिशा और उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इसका लक्ष्य साहित्य, संस्कृति और समाज के विभिन्न पहलुओं को सामने लाना है। “हर अंक में हम नए विचार, समकालीन मुद्दों और विविध साहित्यिक धारा को पाठकों तक पहुँचाने का प्रयास करते हैं। यह अंक भी समाज की गहनताओं को दर्शाने वाली समृद्ध सामग्री से परिपूर्ण है,” उन्होंने कहा। पत्रिका के उपसंपादक अंकित तिवारी ने कहा कि इस पत्रिका से जुड़ना हम सबके लिए गर्व की बात है। “हम हर अंक में देखते हैं कि नई प्रतिभाएँ अपने लेखन से समाज को नई दृष्टि प्रदान कर रही हैं। हमारा प्रयास रहेगा कि हम साहित्य को नए आयामों तक पहुँचाएं और इसे हर वर्ग तक पहुँचाने में योगदान दें,” उन्होंने कहा।
इस अवसर पर नीलम तलवाड़, इंसाइडी सीईओ अक्षत तलवाड़, कौशिक तिवारी, हेमंत हुरला सहित इंसाइडी मीडिया स्टाफ उपस्थित रहा। सभी ने पत्रिका की उपलब्धियों पर प्रसन्नता व्यक्त की और इसे समाज में विचार-विमर्श और संवाद का सशक्त माध्यम बताया। कार्यक्रम के दौरान यह भी उल्लेख किया गया कि “साईं सृजन पटल” का हर अंक सिर्फ साहित्यिक महत्व का नहीं होता, बल्कि सामाजिक दृष्टिकोण से भी गहरी प्रासंगिकता रखता है। पत्रिका विचारों के आदान-प्रदान और बौद्धिक संवाद को बढ़ावा देने में एक प्रभावी भूमिका निभा रही है।