
प्रकाशित हुई जिस पर कनाडा की साहित्य प्रेमी अंजू माथुर ने अपनी टिप्पणी में कहा कि सुनील कुमार माथुर की उक्त कविता उन्हें काफी अच्छी लगी। #कार्यालय संवाददाता
[/box]जोधपुर। किसी भी विषय पर तटस्थता के बहाने सदैव मौन रहना हमारी सबसे बड़ी कमजोरी है। जब और जहां जरूरत हो वहां अपनी प्रतिक्रिया जरूर व्यक्त कीजिए। इससे कार्य करने वाले, लेखन कर्म करने वाले, कलाकारों, विधार्थियों व बच्चों को प्रोत्साहन मिलता हैं। यह उद् गार जोधपुर के साहित्यकार सुनील कुमार माथुर ने व्यक्त किए।
माथुर ने कहा कि कहने वाले व विचार व्यक्त करने वाले के लिए भले ही उनकी बात कोई मायने नहीं रखती हो, लेकिन सामने वाले के लिए हौसला अफजाई का एक उत्तम माध्यम है। इससे कलाकारों, कलमकारों, विधार्थियों व बच्चों को प्रोत्साहन मिलता है। हाल ही में जोधपुर से प्रकाशित कायस्थ जगत पाक्षिक में साहित्यकार सुनील कुमार माथुर की रचना वाह रे, कायस्थ जगत पाक्षिक वाह !
प्रकाशित हुई जिस पर कनाडा की साहित्य प्रेमी अंजू माथुर ने अपनी टिप्पणी में कहा कि सुनील कुमार माथुर की उक्त कविता उन्हें काफी अच्छी लगी। उनके उक्त विचार भले ही उनके लिए एक छोटी बात हो, लेकिन रचनाकार की कलम के लिए उक्त शब्द ही उसकी अमूल्य धरोहर है , वही रचनात्मक लेखन को इससे बढावा मिलता हैं।
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