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हिंदी दिवस के अवसर पर एसएमआर पीजी कॉलेज साहिया में निबंध…

हिंदी दिवस के अवसर पर एसएमआर पीजी कॉलेज साहिया में निबंध प्रतियोगिता एवं विचार गोष्ठी आयोजित… कार्यक्रम की संयोजक डॉ. शशिकला ने अपने उद्बोधन में कहा, “हिंदी को पारंपरिक ज्ञान के साथ कृत्रिम बुद्धिमत्ता में सम्मिलित कर, हम अपनी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित और समृद्ध कर सकते हैं। इससे हिंदी भाषा की समृद्धि में भी वृद्धि होगी।’ #अंकित तिवारी

देहरादून/साहिया। सरदार महिपाल राजेंद्र जनजातीय पीजी कॉलेज साहिया में राष्ट्रीय हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में निबंध प्रतियोगिता और विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। प्रतियोगिता का मूल्यांकन सहायक प्राध्यापक रिंकूदास भारती और डॉ. चंद्रिका ने किया।

निबंध प्रतियोगिता का विषय ‘हिंदी: पारंपरिक ज्ञान से कृत्रिम बुद्धिमत्ता तक’ था, जिसमें एम.ए. प्रथम सेमेस्टर की छात्रा कु. सोनिया ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। पंचम सेमेस्टर के शुभम वर्मा ने द्वितीय स्थान और बी.ए. तृतीय सेमेस्टर की कु. रेखा ने तृतीय स्थान हासिल किया।

कार्यक्रम की संयोजक डॉ. शशिकला ने अपने उद्बोधन में कहा, “हिंदी को पारंपरिक ज्ञान के साथ कृत्रिम बुद्धिमत्ता में सम्मिलित कर, हम अपनी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित और समृद्ध कर सकते हैं। इससे हिंदी भाषा की समृद्धि में भी वृद्धि होगी।”

सह-संयोजक डॉ. रीना रांगड़ ने हिंदी भाषा के महत्व पर बल देते हुए कहा कि हिंदी के प्रति प्रेम और सम्मान को बनाए रखते हुए इसे बोलने, पढ़ने, और लिखने के प्रति जागरूक रहना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि युवा पीढ़ी को हिंदी के महत्व से अवगत कराना आवश्यक है ताकि हमारी भाषा की विरासत सुरक्षित रहे।

इस अवसर पर प्रियंका, सरिता, सोनिया, आशीष, शुभम, मोनिका, कविता, नेहा, मानसी, रविता समेत कई अन्य विद्यार्थी उपस्थित रहे।

हिंदी दिवस : अपनी भाषा, अपनी पहचान


हिंदी दिवस के अवसर पर एसएमआर पीजी कॉलेज साहिया में निबंध प्रतियोगिता एवं विचार गोष्ठी आयोजित... कार्यक्रम की संयोजक डॉ. शशिकला ने अपने उद्बोधन में कहा, "हिंदी को पारंपरिक ज्ञान के साथ कृत्रिम बुद्धिमत्ता में सम्मिलित कर, हम अपनी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित और समृद्ध कर सकते हैं। इससे हिंदी भाषा की समृद्धि में भी वृद्धि होगी।' #अंकित तिवारी

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