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सेवा का भाव

वे लोग भी धन्यवाद एवं साधुवाद के पात्र हैं जो आधी रात में दुःख के समय दूसरों की निस्वार्थ भाव से सेवा अपने परिवार का सदस्य बनकर करते हैं। इस तरह सेवा करने वालो की सूची कार्य के अनुसार और भी बडी हो सकती है। #सुनील कुमार माथुर, जोधपुर, राजस्थान

सेवा का भाव जीवन में नितांत आवश्यक है। सेवा करने और सेवा कराने में बहुत फर्क हैं। लेकिन जीवन में कभी कभार ऐसा अवसर भी आ जाता हैं कि हम से अधिक आयु के लोग हमारी सेवा करते है और हम किसी रिश्ते की डोर में बंधे होने के कारण मूक दर्शक बने यह सहन करते हैं। धन्य है वे लोग जो इस तरह से निस्वार्थ भाव से सेवा करते है़।

वे लोग भी धन्यवाद एवं साधुवाद के पात्र हैं जो आधी रात में दुःख के समय दूसरों की निस्वार्थ भाव से सेवा अपने परिवार का सदस्य बनकर करते हैं। इस तरह सेवा करने वालो की सूची कार्य के अनुसार और भी बडी हो सकती है। लेकिन मेरी निगाह में ऐसे सेवा भावी लोग इस धरती के भगवान है जिनकी सेवा को कभी भी नजरंदाज नहीं किया जा सकता है। वे वंदनीय और पूज्यनीय हैं।


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