***
उत्तराखण्ड समाचार

सीबीआई जांच में आठ करोड़ से ज्यादा का पाया गया घोटाला

सीबीआई जांच में आठ करोड़ से ज्यादा का पाया गया घोटाला… यही नहीं निम्न गुणवत्ता वाले जिन पौधों की दरें विभाग ने ही 150 रुपये तय की थी। उन्हें मनमाने तरीके से 465 रुपये प्रति पौधा की दर से खरीदा गया। इस तरह जम्मू कश्मीर की बरकत एग्रो फार्म नर्सरी को तीन गुना अधिक भुगतान किया गया।

देहरादून। उद्यान विभाग में फलदार पौधों की खरीद फरोख्त में आठ करोड़ रुपये से ज्यादा का घोटाला पाया गया है। यह रकम पौधों की दरों में मनमाने तरीके से बढ़ोतरी कर सब्सिडी के रूप में इधर से उधर की गई है। यही नहीं एक नर्सरी का तो दूसरे पैन कार्ड पर नया खाता खुला और एकाएक उसमें करीब सवा करोड़ रुपये जमा कर दिए गए। सीबीआई की जांच में इस पूरे घोटाले का मास्टरमाइंड पूर्व निदेशक बवेजा और उनका एक नर्सरी चलाने वाला परिचित बताया जा रहा है।

तीनों मुदकमों में सीबीआई ने अब विवेचना शुरू कर दी है। इसके आधार पर अब आने वाले समय में कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों की गिरफ्तारी भी संभव है। बता दें कि एक सामाजिक कार्यकर्ता के संघर्ष से प्रदेश के इस बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया गया था। मामले में स्थानीय स्तर पर एसआईटी का गठन भी किया गया लेकिन हाईकोर्ट के आदेश पर इसकी जांच सीबीआई को सौंप दी गई। सीबीआई ने तकरीबन आठ माह तक इसमें प्राथमिक जांच की और दो दिन पहले पूर्व निदेशक एचएस बवेजा समेत 15 नामजद अधिकारियों, कर्मचारियों और नर्सरी संचालकों के खिलाफ मुकदमे दर्ज कर लिए।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर हो रहा है चम्पावत परिसर का कायाकल्प

सीबीआई के अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक पूरा मामला लगभग आठ करोड़ रुपये के घोटाले का है। इस घोटाले को कई तरीके से अंजाम दिया गया है। इसमें प्रमुख रूप से पौधों की वास्तविक दरों में बेतहाशा मनमाने तरीके से वृद्धि की गई। इसके बाद इसी हिसाब से सब्सिडी का भुगतान किया गया। एक-एक नर्सरी को लाखों पौधों का ऑर्डर दिया गया। इस तरह जिस नर्सरी को केवल 50 लाख रुपये का भुगतान होना था उसे नई दरों के हिसाब से एक करोड़ से सवा करोड़ रुपये तक का भुगतान हुआ।

यही नहीं निम्न गुणवत्ता वाले जिन पौधों की दरें विभाग ने ही 150 रुपये तय की थी। उन्हें मनमाने तरीके से 465 रुपये प्रति पौधा की दर से खरीदा गया। इस तरह जम्मू कश्मीर की बरकत एग्रो फार्म नर्सरी को तीन गुना अधिक भुगतान किया गया। बताया जा रहा कि इस पैसे की बंदरबांट अधिकारियों के बीच की गई। यही नहीं तत्कालीन सीएचओ नैनीताल आरके सिंह ने फारुक अहमद डार और साजाद अहमद के साथ मिलकर एक और खेल खेला। इन्होंने सेब के पौधों की झूठी रसीद बनाई और 1.71 करोड़ रुपये नर्सरी को ट्रांसफर कर दिए गए।

इस पैसे में 17 लाख रुपये 73 हजार पौधों की खरीद के आरके सिंह के बेटे सुनील सिंह के बाजपुर स्थित एक्सिस बैंक के खाते में ट्रांसफर किए गए। जांच में सामने आया कि नैनीताल के सीएचओ आरके सिंह ने अपने बेटे के खाते में तो पैसा लिया ही। साथ ही साथ फारुक डार से 43 लाख रुपये नकद भी हासिल किए। यह रकम सिंह को विभिन्न तारीखों में दी गई। सूत्रों के मुताबिक इस रकम में से काफी बड़ा हिस्सा पूर्व निदेशक एचएस बवेजा को भी मिला था।

नशे में धुत एसआई ने महिला बिजलीकर्मी से की छेड़छाड़



सीबीआई ने बृहस्पतिवार को सभी आरोपियों से पूछताछ की थी। इसके अलावा इन सभी के ठिकानों पर तलाशी भी ली गई। इस दौरान सभी के बैंक खातों और लॉकर आदि की भी जांच की गई। सभी टीमें अन्य प्रदेशों से भी अब उत्तराखंड लौट आई हैं। ऐसे में अब सीबीआई एक संयुक्त रिपोर्ट तैयार कर रही है। बताया जा रहा है कि आरोपियों के पास से बड़ी संख्या में दस्तावेज बरामद हुए हैं। जल्द ही इस मामले में और भी बड़ी कार्रवाई हो सकती है।


सीबीआई जांच में आठ करोड़ से ज्यादा का पाया गया घोटाला... यही नहीं निम्न गुणवत्ता वाले जिन पौधों की दरें विभाग ने ही 150 रुपये तय की थी। उन्हें मनमाने तरीके से 465 रुपये प्रति पौधा की दर से खरीदा गया। इस तरह जम्मू कश्मीर की बरकत एग्रो फार्म नर्सरी को तीन गुना अधिक भुगतान किया गया।

Devbhoomi Samachar

देवभूमि समाचार में इंटरनेट के माध्यम से पत्रकार और लेखकों की लेखनी को समाचार के रूप में जनता के सामने प्रकाशित एवं प्रसारित किया जा रहा है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Verified by MonsterInsights