सामने आया सच, केवल एक मदरसे में ही पढ़ाई जा रहीं NCERT की किताबें
सामने आया सच, केवल एक मदरसे में ही पढ़ाई जा रहीं NCERT की किताबें, बैठक में सामने आया कि जनपद देहरादून में केवल एक मदरसा हाईस्कूल और इंटरमीडिएट स्तर पर संचालित है। जिसमें सभी पाठ्यक्रम एनसीईआरटी की पुस्तकों से पढ़ाया जा रहा है। बैठक में यह भी अवगत कराया गया कि मदरसों में एक भी गैर मुस्लिम छात्र अध्ययनरत नहीं है।
देहरादून। जिले में संचालित 42 में से केवल एक मदरसे में हाईस्कूल और इंटरमीडियट स्तर पर एनसीईआरटी की पुस्तकें पढ़ाई जा रही हैं। 21 मदरसे मदरसा बोर्ड से मान्यता प्राप्त हैं। जबकि 15 ने शिक्षा विभाग से मान्यता प्राप्त की है। छह मदरसे बिना मान्यता के संचालित किए जा रहे हैं। यह जानकारी सोमवार को मुख्य शिक्षा अधिकारी प्रदीप रावत की अध्यक्षता में आयोजित मदरसा बोर्ड की बैठक में सामने आई।
मदरसों की मैपिंग को लेकर रखी गई बैठक में मदरसों के संस्थापकों ने बताया कि मदरसा बोर्ड से मान्यता प्राप्त मदरसों में अध्ययनरत छात्रों को दीनी तालीम के साथ शिक्षा विभाग की ओर से निर्धारित पाठ्यक्रम का पठन-पाठन एनसीईआरटी की किताबों के माध्यम से कराया जाता है। उन्हें यू-डायस कोड की आवंटित हैं।
बताया गया जनपद में संचालित 12 मदरसे में समग्र शिक्षा अभियान के तहत मध्याहन भोजन योजना भी संचालित की जा रही है। इन मदरसों को निश्शुल्क पुस्तकें भी उपलब्ध कराई जा रही हैं। शिक्षा विभाग से मान्यता प्राप्त मदरसों के संचालकों ने अवगत कराया कि बच्चों को संस्कृत के स्थान पर उर्दू व अरबी भी पढ़ाई जाती हैं। शेष पाठ्यक्रम एनसीईआरटी का पढ़ाया जाता है।
बैठक में सामने आया कि जनपद देहरादून में केवल एक मदरसा हाईस्कूल और इंटरमीडिएट स्तर पर संचालित है। जिसमें सभी पाठ्यक्रम एनसीईआरटी की पुस्तकों से पढ़ाया जा रहा है। बैठक में यह भी अवगत कराया गया कि मदरसों में एक भी गैर मुस्लिम छात्र अध्ययनरत नहीं है। सीईओ देहरादून ने मदरसा संचालकों की ओर से दी गई जानकारी एकत्र की और विभागीय रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए।
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