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सम्पादक के नाम पत्र : ऊंट के मुंह में जीरे के समान
अगर सरकार जनहित को देखते हुए कार्य करती तो रसोई गैस में कम से कम तीन सौ रूपये कम करते हुए पेट्रोल, डीजल व खाधान्न व सब्जियों के दामों में भी तत्काल कमी की घोषणा करती। #सुनील कुमार माथुर, जोधपुर, राजस्थान
आज देश में मंहगाई ने आम जनता पर जो आर्थिक भार लादा हैं उसने इंसान को निम्बू की तरह निचोड़ दिया है। रसोई गैस में सौ रुपए की कमी कर सरकार ने केवल वाह वाह लूटने का ही प्रयास किया हैं, चूंकि यह कमी जनहित में नहीं की गई है अपितु चुनाव को देखते हुए की है जो वोटों की राजनीति का एक हिस्सा है।
अगर सरकार जनहित को देखते हुए कार्य करती तो रसोई गैस में कम से कम तीन सौ रूपये कम करते हुए पेट्रोल, डीजल व खाधान्न व सब्जियों के दामों में भी तत्काल कमी की घोषणा करती।
True
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