सपनों की ऊँचाइयों की ओर हितेंद्र सिंह का प्रेरणादायक सफर
सपनों की ऊँचाइयों की ओर हितेंद्र सिंह का प्रेरणादायक सफर… हितेंद्र सिंह की यात्रा एक प्रेरणा की कहानी है, जो हमें यह सिखाती है कि जीवन में चाहे कितनी भी कठिनाइयाँ आएँ, सच्ची लगन और संघर्ष से हर चुनौती को पार किया जा सकता है। उनकी कहानी यह प्रमाणित करती है कि दृढ़ संकल्प और मेहनत से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। #अंकित तिवारी
उत्तराखंड। हिमालय की गोदी में बसा पौड़ी गढ़वाल का यमकेश्वर ब्लॉक, अपनी वीरता और संघर्ष की कहानियों के लिए जाना जाता है। इस क्षेत्र के निवासी हितेंद्र सिंह की यात्रा भी इसी प्रेरणादायक परंपरा को आगे बढ़ाती है। हितेंद्र सिंह, जिनकी कहानी 17 साल की उम्र में एक नई दिशा की ओर मुड़ गई, ने हाई स्कूल की परीक्षा के बाद रायवाला में सेना में भर्ती होकर गढ़वाल राइफल्स का हिस्सा बने।
उनके जीवन की यह यात्रा एक संघर्षपूर्ण और प्रेरणादायक अध्याय से भरी हुई है। हितेंद्र सिंह की पहली नियुक्ति कारगिल में हुई, जहाँ उन्होंने अपनी कर्तव्यनिष्ठा और साहस का परिचय दिया। साथ-साथ गढ़वाल विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री प्राप्त की। 16 साल 9 महीने की सेवा के बाद, परिवारिक परिस्थितियों के चलते हितेंद्र सिंह ने स्वेच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर नायक पद से सेवानिवृत्त हुए। उनके सेना सेवानिवृत्त होने के बाद, वर्तमान में उपनल के माध्यम से एम्स ऋषिकेश में सिक्योरिटी गार्ड के पद पर कार्यरत है।
हितेंद्र सिंह की प्रेरणादायक कहानी यहाँ समाप्त नहीं होती। उन्होंने अपनी सेवाओं के साथ-साथ अपने सपनों की ओर भी ध्यान दिया और कड़ी मेहनत से वन बीट अधिकारी और आबकारी विभाग में सफलता प्राप्त की। उनकी यह सफलता यह दर्शाती है कि न केवल सच्ची मेहनत और संघर्ष से बड़ी सफलता प्राप्त की जा सकती है, बल्कि जीवन के विभिन्न चरणों में भी नए अवसरों को अपनाया जा सकता है।
हितेंद्र सिंह की यात्रा एक प्रेरणा की कहानी है, जो हमें यह सिखाती है कि जीवन में चाहे कितनी भी कठिनाइयाँ आएँ, सच्ची लगन और संघर्ष से हर चुनौती को पार किया जा सकता है। उनकी कहानी यह प्रमाणित करती है कि दृढ़ संकल्प और मेहनत से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।
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