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राजनीति

मतदान है जरूरी, टिकाऊ सरकार है बनानी

सत्तापक्ष दुबारा सत्ता में आने की ताल ठोक रहा है। दमदार मुद्दे सत्ता पक्ष के पास भी नहीं हैं मगर सत्ता पक्ष के कुशल रणनीतिकार जनता के मन पर छाप छोड़ने के लिए विभिन्न प्रचार माध्यमों का सहारा लेने लगे हैं। सोशल मीडिया के हर प्लेटफॉरम पर जमकर विपक्ष को कोसा जा रहा है। #ओम प्रकाश उनियाल

निर्वाचन आयोग द्वारा लोकसभा चुनावों की तारीख घोषित होने से पहले ही राजनैतिक दलों के बीच सुगबुगाहट शुरु हो जाती है। गली-मौहल्लों में अपने आप को नेता बताने वाले छुट्टभइए, बड़े दल-बदलु व अवसरवादी नेता सक्रिय हो जाते हैं। राजनैतिक दल एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोपों की झड़ी लगाकर सीमाएं लांघने लगते हैं। लोकसभा चुनाव 2024 में होने हैं।

सत्तापक्ष दुबारा सत्ता में आने की ताल ठोक रहा है। दमदार मुद्दे सत्ता पक्ष के पास भी नहीं हैं मगर सत्ता पक्ष के कुशल रणनीतिकार जनता के मन पर छाप छोड़ने के लिए विभिन्न प्रचार माध्यमों का सहारा लेने लगे हैं। सोशल मीडिया के हर प्लेटफॉरम पर जमकर विपक्ष को कोसा जा रहा है। साथ ही साथ लोकलुभावन योजनाओं का पिटारा खुलता ही जा रहा है।

स्वाभाविक है अधिकतर नागरिक भी अपना रुख उधर ही करेंगे जिधर उन्हें अपना हित नजर आएगा। बात विपक्षी दलों की करें तो उनकी हालत खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे वाली बनी हुयी है। फिर भी देश की सत्ता संभालने का सपना सभी अपने-अपने नजरिए से देखने लगे हैं। विपक्षियों ने भाजपा को पटखनी देने के लिए गठबंधन भी किया हुआ है। जो कि खुद ही गांठों में बंधता नजर आ रहा है।

सब कुछ निर्भर करता है मतदाताओं पर। मतदाता का कोई भरोसा नहीं होता कब पलटी मार जाए। कब किसकी उम्मीदों पर पानी फेर दें। ‘पांच साल में एक बार, अवसर नहीं मिलेगा बार-बार’। मतदाता यह फॉर्मूला लेकर चलें। अपने मत का प्रयोग जरूर करें। मतदान है जरूरी, टिकाऊ सरकार है बनानी।


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देवभूमि समाचार में इंटरनेट के माध्यम से पत्रकार और लेखकों की लेखनी को समाचार के रूप में जनता के सामने प्रकाशित एवं प्रसारित किया जा रहा है।

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