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साहित्य लहर

बालगीत :धरा अनमोल खजाना

बालगीत :धरा अनमोल खजाना… धरा को प्रदूषण मुक्त बनाना है। हर वन उपवन से जग महकेगा। अब हर मन में भाव जगाना है। प्राणी वन से सब जीवन पायें। हमें वन वृक्षों को बचाना है। कदम बढ़ाओ प्रकृति रक्षा को। पहल करो सबको दिखलाना है। सुंदर छायी धरा में हरियाली। साथी इसको हमें सजाना है। #भुवन बिष्ट रानीखेत (उत्तराखंड)

सुंदर छायी धरा में हरियाली।
साथी इसको हमें सजाना है।
जन जन का भरती भंडार यह।
सुंदर धरा अनमोल खजाना है।

आओ पेड़ लगायें मिलकर हम।
फिर मिलजुलकर इन्हें बचाना है।
संवरेंगे वन तब संवरे जीवन।
अब सबको यह बतलाना है।

सुंदर छायी धरा में हरियाली।
साथी इसको हमें सजाना है।
स्वच्छ हो पर्यावरण हमारा,
साथी आओ कदम बढ़ाना है।

जल है जीवन समझो कीमत।
पेड़ पौधे इसका खजाना है।
ये प्राण वायु देते हैं सबको।
आओ वृक्ष मित्र बन जाना है।

कविता : गांव की भोर



सुंदर छायी धरा में हरियाली।
साथी इसको हमें सजाना है।
आओ वृक्षारोपण सभी करेंगें।
धरा को प्रदूषण मुक्त बनाना है।



हर वन उपवन से जग महकेगा।
अब हर मन में भाव जगाना है।
प्राणी वन से सब जीवन पायें।
हमें वन वृक्षों को बचाना है।



कदम बढ़ाओ प्रकृति रक्षा को।
पहल करो सबको दिखलाना है।
सुंदर छायी धरा में हरियाली।
साथी इसको हमें सजाना है।


बालगीत :धरा अनमोल खजाना... धरा को प्रदूषण मुक्त बनाना है। हर वन उपवन से जग महकेगा। अब हर मन में भाव जगाना है। प्राणी वन से सब जीवन पायें। हमें वन वृक्षों को बचाना है। कदम बढ़ाओ प्रकृति रक्षा को। पहल करो सबको दिखलाना है। सुंदर छायी धरा में हरियाली। साथी इसको हमें सजाना है। #भुवन बिष्ट रानीखेत (उत्तराखंड)

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