बदरीनाथ-मंगलौर सीट : लिब्बरहेडी में भिड़े दल, चले लाठी-डंडे, कई घायल
बदरीनाथ-मंगलौर सीट : लिब्बरहेडी में भिड़े दल, चले लाठी-डंडे, कई घायल… बदरीनाथ विधानसभा सीट में ब्लाक परिसर बूथ में मशीन खराब होने से मतदान शुरू नहीं हो पाया। मतदान करने के लिए बैठीं महिलाए मशीन में दिक्कत आने से इंतजार कर रही हैं। सुबह 8:00 से दोनों विधानसभा सीटों पर मतदान शुरू हो गया है।
देहरादून। उत्तराखंड की दो विधानसभा सीटों पर आज उपचुनाव हो रहे हैं। मंगलौर सीट पर बसपा विधायक के निधन के बाद से यह सीट खाली चल रही थी। जबकि बदरीनाथ सीट पर लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के विधायक भाजपा में शामिल हो गए थे। बूथ पर तैनात रुड़की सिविल लाइंस प्रभारी निरीक्षक आरके सकलानी का कहना है कि वह लिब्बरहेडी बूथ पर मौजूद हैं। पार्टी कार्यकर्ताओं में लाठी-डंडे चले हैं जिसमें कुछ लोग बुरी तरह से घायल हुए हैं। उन्हें उपचार के लिए अस्पताल भेज दिया गया है। मौके पर फोर्स तैनात की गई है।
मंगलौर विधानसभा सीट के लिब्बरहेडी के बूथ नंबर 53-54 नंबर पर बसपा और भाजपा के कार्यकर्ताओं में लाठी डंडे चल गए हैं। जिसमें कुछ कार्यकर्ता घायल हो गए। भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचा जिसके बाद पुलिस ने सभी को खदेड़ा। भारी सुरक्षा बल के बीच मंगलौर में चुनाव कराया जा रहा है। सुबह से ही लोगों की भीड़ लगी है। बुजुर्ग मतदाता मतदान करने के बाद वोट का निशान दिखाकर खुशी जाहिर कर रहे हैं।
बदरीनाथ विधानसभा सीट में ब्लाक परिसर बूथ में मशीन खराब होने से मतदान शुरू नहीं हो पाया। मतदान करने के लिए बैठीं महिलाए मशीन में दिक्कत आने से इंतजार कर रही हैं। सुबह 8:00 से दोनों विधानसभा सीटों पर मतदान शुरू हो गया है। बद्रीनाथ विधानसभा में 208 मतदेय स्थलों पर मॉक पोल हो गया है। पोखरी के श्रीगढ और जोशीमठ के भर्की बूथ में मोक पोल चल रहा है।
2012 के चुनाव में बसपा ने सरवत करीम को उतारा। उन्होंने 24,706 वोटों के साथ जीत दर्ज की, जबकि कांग्रेस से काजी निजामुद्दीन ने 24,008 वोट हासिल किए। 2017 के चुनाव में कांग्रेस से काजी निजामुद्दीन 31,352 वोटों के साथ विजेता रहे, जबकि बसपा के सरवत करीम ने 28,684 वोट हासिल किए। 2022 के विधानसभा चुनाव में बसपा के सरवत करीम 32,660 वोटों के साथ विजयी रहे, जबकि कांग्रेस के काजी निजामुद्दीन को 32,062 वोट मिले। हार जीत का अंतर 598 वोटो का रहा।
मंगलौर विधानसभा में अब तक पांच चुनाव हुए हैं, जिनमें से चार बार बसपा प्रत्याशी को जीत मिली है। 2002 के पहले चुनाव में 21,155 वोट के साथ बसपा के काजी निजामुद्दीन ने जीत दर्ज की और कांग्रेस के सरवत करीम यहां 14,561 वोट हासिल कर पाए। 2007 के चुनाव में बसपा से निजामुद्दीन फिर 25,559 मत हासिल करके विजेता रहे, जबकि रालोद के चौधरी कुलवीर सिंह 22,166 के साथ दूसरे और कांग्रेस के सरवत करीम 18,629 वोटों के साथ तीसरे पायदान पर रहे।
मंगलौर विस सीट बसपा का गढ़ रही है। राज्य गठन के बाद हुए पांच विधानसभा चुनाव में इस सीट पर चार बार बसपा ने जीत हासिल की, जबकि एक बार कांग्रेस को जीत मिली। बसपा की ओर से दिवंगत विधायक सरवत करीम अंसारी के पुत्र उबेदुर्रहमान को को ही टिकट दिया गया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी शीशपाल ने उपचुनाव में मंगलोर सीट पर बसपा की जीत का भी दावा किया है। कांग्रेस पार्टी ने मंगलौर सीट पर अनुभवी और बदरीनाथ सीट पर नए चेहरे पर दांव लगाया है। दोनों ही प्रत्याशी लंबे समय से कांग्रेस पार्टी से जुड़े हैं। मंगलौर सीट से काजी मोहम्मद निजामुद्दीन और बदरीनाथ सीट से प्रत्याशी लखपत बुटोला पर दांव लगाया है।
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