बच्ची से दुष्कर्म के मामले में शिक्षा विभाग ने की कार्रवाई, प्रभारी…
बच्ची से दुष्कर्म के मामले में शिक्षा विभाग ने की कार्रवाई, प्रभारी प्रधानाध्यापिका निलंबित… उधर, परिजनों ने बच्ची का स्कूली बैग व उसमें रखी किताबें दिखाईं। इससे स्पष्ट था कि बच्ची नियमित विद्यालय आती रहती थी पर अपेक्षित आयु न होेने के चलते उसका प्रवेश नहीं हो पाया था। इस तरह अधिकारी ने पाया कि विद्यालय मेें ऊंची चहारदीवारी व गेट हैं।xz`
ऊधम सिंह नगर। सितारगंज के राजकीय प्राथमिक विद्यालय लौका में चार वर्ष की मासूम के साथ हुई दुष्कर्म की घटना पर विद्यालय की प्रभारी प्रधानाध्यापिका पर गाज गिर गई है। शिक्षा विभाग ने लापरवाही में प्रभारी को निलंबित कर दिया है, तो प्रधानाध्यापक का दूसरे विद्यालय में स्थानांतरण कर दिया गया है। राजकीय प्राथमिक विद्यालय लौका में दो सितंबर को विद्यालय के तीन छात्रों की ओर से एक मासूम संग दुष्कर्म की घटना का मामला प्रकाश में आया था।
इस पर बुधवार को मुख्य शिक्षा अधिकारी केएस रावत ने विद्यालय का निरीक्षण कर पूछताछ की थी। उस दिन प्रभारी व दो शिक्षकों ने घटना को विद्यालयी समय के बाद घटित होना बताया था, जबकि पीड़ित मासूम के परिजनों ने सुबह 10:30 बजे से 11 बजे के बीच का बताया था। परिजनों ने बताया था कि लगभग 11 बजे प्रभारी अपनी स्कूटी से विद्यालय से बाहर गईं हुई थी जबकि अध्यापकों ने बताया था कि बच्ची विद्यालय की छात्रा नहीं है पर अक्सर वह विद्यालय आती थी।
उधर, परिजनों ने बच्ची का स्कूली बैग व उसमें रखी किताबें दिखाईं। इससे स्पष्ट था कि बच्ची नियमित विद्यालय आती रहती थी पर अपेक्षित आयु न होेने के चलते उसका प्रवेश नहीं हो पाया था। इस तरह अधिकारी ने पाया कि विद्यालय मेें ऊंची चहारदीवारी व गेट हैं। बिना गेट खोले बाहर जाना असंभव है। विभाग ने प्रभारी प्रधानाध्यापिका शीला राय को पूर्ण लापरवाह मानते हुए शुक्रवार की शाम निलंबित कर दिया। वहीं प्रधानाध्यापक मुरारी लाल गंगवार को ट्रांसफर कर दिया है।
हर तरफ बिखरी पड़ी थीं लाशें ही लाशें, खौफनाक मंजर देख…
सीईओ की निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर प्रभारी प्रधानाध्यापिका को लापरवाह माना गया है। अगर विद्यालय में अनुशासन रहता तो शायद ऐसा न होता। ऐसे में प्रभारी को निलंबित कर दिया गया है। वहीं प्रधानाध्यापक को स्थानांतरित कर दिया गया है। घटना के दिन विद्यालय में उपस्थित रहें शिक्षक उत्तम विश्वास की भी जांच करवाई जाएगी। यदि वह जांच में दोषी पाए गए तो विभाग उन पर भी नियमानुसार कार्रवाई करेगा।
– हरेंद्र कुमार मिश्र, डीईओ बेसिक