प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की पहली वर्षगांठ पर सुदर्शन पटनायक…

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की पहली वर्षगांठ पर सुदर्शन पटनायक की रेत कलाकृति… प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का उद्देश्य कारीगरों को आत्मनिर्भर बनाकर देश के विकास में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को सशक्त करना है। पटनायक ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह योजना कारीगरों के आत्मविश्वास को बढ़ावा दे रही है और उन्हें विकसित भारत के निर्माण की ओर अग्रसर कर रही है। #अंकित तिवारी
ओडिशा/पुरी। प्रसिद्ध रेत कलाकार सुदर्शन पटनायक ने पुरी समुद्र तट पर प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की पहली वर्षगांठ के उपलक्ष्य में एक अद्भुत रेत मूर्ति का अनावरण किया। यह कलाकृति भारतीय कारीगरों की प्रतिभा और योगदान को प्रदर्शित करती है, जो सदियों से अपनी कला और मेहनत से देश को समृद्ध बना रहे हैं।
सुदर्शन पटनायक ने इस अवसर पर बताया कि प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के माध्यम से कारीगर आत्मनिर्भरता, आधुनिकता और व्यावसायिकता की ओर अग्रसर हो रहे हैं। इस योजना का मुख्य उद्देश्य कारीगरों और शिल्पकारों को नए युग की आवश्यकताओं के अनुरूप सशक्त बनाना है। उन्होंने बताया कि “हमारे विश्वकर्मा साथी सदियों से अपने औजारों, कल्पना और जिज्ञासा से देश की सेवा कर रहे हैं, और अब इस योजना के माध्यम से उन्हें सम्मान, सामर्थ्य और समृद्धि के साथ बाजार से जोड़ा जा रहा है।”
गौरतलब है कि इस योजना के अंतर्गत अब तक 20 लाख विश्वकर्माओं का सफल पंजीकरण हो चुका है, जो 18 पारंपरिक व्यवसायों को एक नई पहचान दिला रहे हैं। इसके साथ ही, कारीगरों को बिना गारंटी के 3 लाख रुपये तक का सस्ता लोन उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके अलावा, 800 से अधिक ट्रेनिंग सेंटरों के माध्यम से उन्हें नई स्किल ट्रेनिंग और आधुनिक टूल किट प्रदान की जा रही हैं, जिससे वे न केवल देश में बल्कि विदेशों में भी अपने उत्पादों को पहुंचा सकें।
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का उद्देश्य कारीगरों को आत्मनिर्भर बनाकर देश के विकास में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को सशक्त करना है। पटनायक ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह योजना कारीगरों के आत्मविश्वास को बढ़ावा दे रही है और उन्हें विकसित भारत के निर्माण की ओर अग्रसर कर रही है।
लेखक गाँव : उत्तराखंड की संस्कृति और साहित्य का साकार रूप