प्यार में कैसे मरा जाता है; मैं बताता हूं, लिखकर छात्र ने लगा लिया फंदा
प्यार में कैसे मरा जाता है; मैं बताता हूं, लिखकर छात्र ने लगा लिया फंदा… एसपी देहात ने बताया कि अभिषेक ने सबसे आखिरी मेसेज एक नंबर पर रात को 11:15 बजे किया है। मेसेज में अभिषेक ने लिखा है कि प्यार में कैसे मरा जाता है ये मैं बताता हूं। पुलिस इस नंबर को किसी युवती का बता रही है।
मेरठ। मेरठ के गंगानगर में अम्हेड़ा में किराए पर कमरा लेकर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्र अभिषेक गुर्जर (19) ने गले में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। मरने से पहले अभिषेक ने एक नंबर पर आखिरी मेसेज भेजा। इसमें लिखा था कि प्यार में कैसे मरा जाता है, ये मैं बताता हूं। इसके बाद उसने तीन लाइन का सुसाइड नोट लिखा, जिसमें अपनी मर्जी से आत्महत्या करने की बात कही। इसके बाद बेड की चादर से पंखे पर फंदा बनाकर जान दे दी।
फलावदा के मंदावड़ी गांव निवासी किसान अजब सिंह गुर्जर के बेटे अभिषेक गुर्जर ने गांव के स्कूल से 12वीं की थी। अभिषेक अम्हेडा रोड पर किराये पर कमरा लेकर यूपी पुलिस सिपाही भर्ती और दूसरी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा था। रविवार सुबह पुलिस को सूचना मिली कि एक युवक ने फांसी लगा ली है। पुलिस मौके पर पहुंची तो उसकी पहचान अभिषेक के रूप में हुई। अभिषेक छत के पंखे में बेडशीट से बनाए फंदे पर लटका हुआ था। पुलिस ने परिजनों को सूचना दी तो वह मेरठ पहुंच गए।
शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। पुलिस को बेड के पास रखी कॉपी में तीन लाइन का सुसाइड नोट लिखा मिला। अभिषेक ने लिखा है कि मैं अपनी मर्जी से आत्महत्या कर रहा हूं। इसमें किसी का दोष नहीं हैं। मेरे परिवार या किसी रिश्तेदार को परेशान न किया जाए। ये लिखने के बाद आखिर में अभिषेक का नाम लिखा है और हस्ताक्षर हैं। एसपी देहात कमलेश बहादुर ने बताया कि जो सुसाइड नोट में लिखावट है, वह अभिषेक की दूसरी कॉपियों से मैच कर रही है।
एसपी देहात ने बताया कि अभिषेक ने सबसे आखिरी मेसेज एक नंबर पर रात को 11:15 बजे किया है। मेसेज में अभिषेक ने लिखा है कि प्यार में कैसे मरा जाता है ये मैं बताता हूं। पुलिस इस नंबर को किसी युवती का बता रही है। पिता अजब सिंह बार-बार यही कहते रहे कि उनका बेटा आत्महत्या नहीं कर सकता है, ये हत्या का मामला है। अभिषेक परिवार में सात बहन-भाइयों में तीसरे नंबर का था। अभिषेक की मौत से परिजन बेहाल हैं।
ये हैं प्रमुख मामले
- 26 जून : बहसूमा थाना क्षेत्र के गांव रामराज में पिता की डांट से क्षुब्ध किशोर ने पिता की ही लाइसेंसी रिवाॅल्वर से खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। मौके से एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें छात्र ने अपने दिल की बात लिखी है।
- 30 जून : फलावदा थाना क्षेत्र में छात्रा हिना ने पारिवारिक विवाद में खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी।
- 5 जुलाई : दौराला थाना इलाके के चिरौड़ी गांव में 17 साल की खुशी ने परिवार के विवाद में जहर खाकर जान दे दी।
- 8 जुलाई : मवाना में 17 साल के लड़के ने माता-पिता के झगड़े से तंग आकर जान दे दी। उसका शव मकान के जाल में फंदे पर लटका मिला।
गुमसुम दिखें बेटा-बेटी तो परिजन खुलकर करें बात
किशोर और युवाओं के आत्महत्या के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। मोचिकित्सक डॉ. रवि राणा ने बताया कि कई बार युवा किसी को पसंद करने को प्यार समझने लगते हैं, उन्हें इस शब्द की सही परिभाषा भी पता नहीं होती। फिर जब उसमें किसी भी रूप में सफलता नहीं मिलती तो जान देने से भी गुरेज नहीं करते हैं। परिजनों को किशोरों की काउंसिलिंग करनी चाहिए। जिला अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ. कमलेंद्र किशोर ने बताया कि माता-पिता का झगड़ा, किशोरों-युवाओं के स्वभाव पर गलत असर डालते हैं।
मेडिकल कॉलेज के मनोचिकित्सक डॉ. तरुण पाल ने बताया कि कम उम्र में हार्मोंस बदलाव के कारण किशोर-युवा ज्यादा संवेदनशील होते हैं। इस उम्र में परिजनों की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। जब उनकी इच्छा के विरुद्ध कुछ करने को मजबूर किया जाता है, जो वह चाहते हैं वो नहीं मिलता, तो कई बार वह अपनी भावनाओं पर काबू नहीं कर पाते और गंभीर कदम उठा लेते हैं।
परिजनों को सलाह
- किशोरों-युवाओं के शारीरिक-बौद्धिक स्तर पर टिप्पणी न करें।
- अगर बेटा-बेटी गुमसुम, उदास दिखे तो खुलकर बात करें।
- अगर ज्यादा तनाव में हों तो मनोचिकित्सक को दिखाने से भी गुरेज न करें।
- पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित करें, लेकिन अंक प्रतिशत पर सवाल न उठाएं।
घुड़चढ़ी के दौरान दो पक्षों में संघर्ष, जमकर मारपीट व पथराव, गांव…