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पुस्तक समीक्षा : देश बने सोने की चिड़िया

पुस्तक समीक्षा : देश बने सोने की चिड़िया… गीतकार डॉ राकेश चक्र ने इन तमाम गीतों के जरिए बच्चों में देश भक्ति की भावना व समाज सुधार करने का प्रयास किया है। उन्होंने अपने बाल गीतों के माध्यम से बच्चों को संदेश दिया है कि वे राग ध्देष व क्रोध जैसे अवगुणों से दूर रहें व साफ सफाई के प्रति सजग रहे। #समीक्षक : सुनील कुमार माथुर, जोधपुर, राजस्थान

देश बने सोने की चिड़िया ( बाल गीत संग्रह ) नामक इस लघु पुस्तक में 23 बाल गीत है और सभी गीत एक से बढ कर एक है। इतना ही नही वे गुनगुनाने वाले गीत है। अतः किसी एक गीत का सराहना करना अन्य गीतों की अनदेखी करना होगा। गीतकार ने बच्चों को अपने गीतों के माध्यम से बडी प्रेरणा दी है जो वंदनीय और सराहनीय प्रयास हैं।

देश बनें सोने की चिड़िया, मैं प्रकाश का पुंज, सोने सा उपहार लाई हूं, मुस्करा भी लिया कर, मेरा मन, बच्चे करते अद् भूत प्यार, हंसे हंसाएं, काले बादल गोरे बादल, पक्षी और बच्चे, मेघा हमको पानी दे दो, स्वागत गीत, उपकारी जीवन सारा, मंगलयान, नए वर्ष में, नये नये यह झूलों वाला, बचपन कूडा घर सहित 23 बाल गीत है

गीतकार डॉ राकेश चक्र ने इन तमाम गीतों के जरिए बच्चों में देश भक्ति की भावना व समाज सुधार करने का प्रयास किया है। उन्होंने अपने बाल गीतों के माध्यम से बच्चों को संदेश दिया है कि वे राग ध्देष व क्रोध जैसे अवगुणों से दूर रहें व साफ सफाई के प्रति सजग रहे। वही नदी सरोवर व जलाशयों को स्वच्छ बनाए रखे।

गीतों के माध्यम से बताया गया है कि सदैव सुखी जीवन व्यतीत करने के लिए हंसते मुस्कुराते रहे। वही वृक्षों की रक्षा करने, वैर भाव से दूर रहने, मेहनत करते हुए लक्ष्य हासिल करने पर जोर दिया गया है। गीतकार इन गीतों के माध्यम से बच्चों में आत्मविश्वास, नये मूल्यों की स्थापना, देश भक्ति की भावना भरने का सराहनीय प्रयास किया है। इसी के साथ ही साथ अच्छी पत्र पत्रिकाएं पढने, बड़ों का मान सम्मान करने, देश भक्तों व समाज सुधारकों का साहित्य पढने की प्रेरणा दी है।

सभी गीत मनोरंजक, ज्ञानवर्धक, प्रेरणादायक व बालोपयोगी हैं। इस पुस्तक की प्रस्तावना डॉ रोहिताश्व अस्थाना ने लिखी है जो एकदम सटीक व सारगर्भित हैं। पुस्तक का मुखपृष्ठ आकर्षक है व अंतिम कवर पृष्ठ पर गीतकार का लिखा गीत हैं। राकेश चक्र ने इन बाल गीतों के माध्यम से गागर में सागर भरने का प्रयास किया है। पुस्तक की छपाई गेट अप, मेक अप काफी अच्छा है व कागज भी उतम क्वालिटी का है। सभी गीत मय चित्र है।

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पुस्तक समीक्षा : देश बने सोने की चिड़िया (बाल गीत संग्रह)
डॉ राकेश चक्र
प्रकाशक : हरे कृष्ण प्रकाशन, मुरादाबाद, उ प्र
सम्पर्क सूत्र : डा राकेश चक्र, 90 बी शिवपुरी, मुरादाबाद 244001
मोबाइल : 09456201857, मूल्य 40 रूपये
पृष्ठ : 30
समीक्षक : सुनील कुमार माथुर


पुस्तक समीक्षा : देश बने सोने की चिड़िया... गीतकार डॉ राकेश चक्र ने इन तमाम गीतों के जरिए बच्चों में देश भक्ति की भावना व समाज सुधार करने का प्रयास किया है। उन्होंने अपने बाल गीतों के माध्यम से बच्चों को संदेश दिया है कि वे राग ध्देष व क्रोध जैसे अवगुणों से दूर रहें व साफ सफाई के प्रति सजग रहे। #समीक्षक : सुनील कुमार माथुर, जोधपुर, राजस्थान

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