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पीजी कॉलेज कर्णप्रयाग में हिंदी दिवस के अवसर पर विचार गोष्ठी आयोजित

पीजी कॉलेज कर्णप्रयाग में हिंदी दिवस के अवसर पर विचार गोष्ठी आयोजित… गोष्ठी में “वर्तमान समय में हिंदी दिवस मनाने की आवश्यकता और भविष्य में हिंदी की स्थिति” जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर महाविद्यालय के प्राध्यापकों ने भी अपने विचार रखे। प्राचार्य प्रो. खाली ने हिंदी भाषा की “उपयोगिता और प्रासंगिकता” पर प्रकाश डालते हुए इसके महत्व पर चर्चा की।

कर्णप्रयाग/चमोली। हिंदी दिवस के अवसर पर डॉ. शिवानंद नौटियाल राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कर्णप्रयाग में हिंदी विभाग द्वारा एक विशेष विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ प्राचार्य प्रो. वी.एन. खाली ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। सर्वप्रथम, छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई, जिसके बाद प्रियंका, राखी और तनीषा गौड़ ने ‘हिंदी भाषा की वर्तमान स्थिति और भविष्य’ पर अपनी स्वरचित कविताओं का वाचन किया।

गोष्ठी में “वर्तमान समय में हिंदी दिवस मनाने की आवश्यकता और भविष्य में हिंदी की स्थिति” जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर महाविद्यालय के प्राध्यापकों ने भी अपने विचार रखे। प्राचार्य प्रो. खाली ने हिंदी भाषा की “उपयोगिता और प्रासंगिकता” पर प्रकाश डालते हुए इसके महत्व पर चर्चा की। हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. राधा रावत ने गोष्ठी का संचालन करते हुए कहा कि हिंदी भाषा हमारी राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है और इसे समृद्ध करने से ही हम अपने अस्तित्व को बनाए रख सकते हैं।

प्राध्यापक रविंद्र नेगी ने हिंदी भाषा के वैज्ञानिक पक्ष और इसके महत्व पर अपने विचार प्रकट किए। डॉ. चंद्रमोहन जनस्वाण ने वर्तमान समय में हिंदी की प्रासंगिकता पर गहन विचार-विमर्श किया। अन्य प्राध्यापकों में डॉ. इंद्रेश कुमार पांडे, डॉ. अखिलेश कुकरेती, डॉ. आर.सी. भट्ट, डॉ. कीर्ति राम डंगवाल, डॉ. कमल किशोर द्विवेदी, डॉ. कविता पाठक, डॉ. चंद्रावती टम्टा, डॉ. पूनम, डॉ. शालिनी सैनी, डॉ. दिशा शर्मा, जगदीश सिंह रावत, एस.एल. मुनियाल और मुकेश कंडारी आदि उपस्थित रहे।

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पीजी कॉलेज कर्णप्रयाग में हिंदी दिवस के अवसर पर विचार गोष्ठी आयोजित... गोष्ठी में "वर्तमान समय में हिंदी दिवस मनाने की आवश्यकता और भविष्य में हिंदी की स्थिति" जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर महाविद्यालय के प्राध्यापकों ने भी अपने विचार रखे। प्राचार्य प्रो. खाली ने हिंदी भाषा की "उपयोगिता और प्रासंगिकता" पर प्रकाश डालते हुए इसके महत्व पर चर्चा की।

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