पिता की डेड बॉडी पर पड़े कीडे़, आराम से रह रहे थे बेटी और दामाद
पिता की डेड बॉडी पर पड़े कीडे़, आराम से रह रहे थे बेटी और दामाद… पुलिस के मुताबिक, तीन मंजिला मकान के ग्राउंड और सेकेंड फ्लोर पर हरिलाल के बेटी और दामाद रहते हैं. दोनों की बुजुर्ग से बोलचाल बंद थी. बेटा बी ब्लॉक में रहता है और उसने धर्म परिवर्तन किया हुआ है. बुजुर्ग होने के बावजूद हरिलाल खुद ही अपना खाना बनाते थे.
उत्तर प्रदेश के नोएडा सेक्टर-12 में ऐसी घटना घटी, जिसे सुनकर हर कोई हैरान रह गया. यहां एक मकान में पिछले चार दिन से बुजुर्ग की लाश पड़ी हुई थी. लेकिन उसी घर में रह रहे बुजुर्ग के बेटी-दामाद को इसकी भनक तक नहीं लगी. बाद में जब कमरे से बदबू आनी शुरू हुई तो उन्होंने पुलिस को इसकी जानकारी दी. इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची. अंदर बुजुर्ग की लाश सड़ी-गली हालत में पड़ी हुई थी. कीड़े लाश से चिपके हुए थे.
मामला सेक्टर-12 के एच ब्लॉक का है. यहां शुक्रवार को एक मकान के अंदर 82 वर्षीय बुजुर्ग का शव सड़ी गली अवस्था में मिला. बुजुर्ग की पहचान हरिलाल के रूप में हुई. घर से दुर्गंध आने पर बुजुर्ग की बेटी और दामाद को अनहोनी की आशंका हुई और उन्होंने पुलिस को इसकी सूचना दी. हैरानी की बात ये थी कि चार दिन तक एक ही घर में रहने वाली बुजुर्ग की बेटी और दामाद को मौत की जानकारी नहीं हो पाई.
सेक्टर-24 थाना प्रभारी ने बताया कि शुक्रवार को पुलिस को सूचना मिली कि एच ब्लॉक स्थित एक तीन मंजिला मकान के अंदर से काफी दुर्गंध आ रही है. पुलिस मौके पर पहुंची. यहां देखा तो बीच वाली मंजिल का दरवाजा अंदर से बंद था और दुर्गंध आने का सिलसिला जारी था. दरवाजा तोड़ जब पुलिस अंदर पहुंची तो 82 वर्षीय हरिलाल चारपाई पर मृत अवस्था में पड़े मिले. कमरे के अंदर का सामान बिखरा पड़ा था. कई दिन तक चारपाई पर पड़े रहने से शव सड़ने लगा था और उसमें कीड़े पड़ गए थे.
चारपाई पर लेटे होने के कारण बुजुर्ग की पीठ भी पूरी तरह से छिल गई थी. मौत के कारणों को जानने के लिए पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है. बताया जा रहा है कि हरिलाल बीते कुछ समय से बीमार चल रहे थे. पुलिस के मुताबिक, शुक्रवार को जब कमरे से दुर्गंध ज्यादा आने लगी तो बुजुर्ग की बेटी और दामाद ने पुलिस को कॉल की. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट मिलने के बाद ही मौत की वजह पता चलेगी.
पुलिस के मुताबिक, तीन मंजिला मकान के ग्राउंड और सेकेंड फ्लोर पर हरिलाल के बेटी और दामाद रहते हैं. दोनों की बुजुर्ग से बोलचाल बंद थी. बेटा बी ब्लॉक में रहता है और उसने धर्म परिवर्तन किया हुआ है. बुजुर्ग होने के बावजूद हरिलाल खुद ही अपना खाना बनाते थे. करीब चार दिन पहले हरिलाल की मौत हो गई थी. परिवारों ने आकर नहीं देखा कि चार दिन से कमरे का दरवाजा क्यों बंद है. फिलहाल पुलिस हर एंगल से मामले की जांच कर रही है.
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