पारिवारिक और सामाजिक चेतना का अग्रदूत वरिष्ठ नागरिक
पारिवारिक और सामाजिक चेतना का अग्रदूत वरिष्ठ नागरिक… वर्ल्ड सीनियर सिटिजंस डे अवसर उपलब्ध कराता है कि हम वरिष्ठ नागरिकों बारे में जागरूकता फैलाकर उपलब्धियों और जीवन में उठाई चुनौतियों का सम्मान करें। वरिष्ठ नागरिक संरक्षण से समाज और परिवार संरक्षित रहेगा।
जहानाबाद। विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस के अवसर पर साहित्यकार व इतिहासकार सत्येन्द्र कुमार पाठक ने कहा कि पारिवारिक और सामाजिक चेतना का अग्रदूत वरिष्ठ नागरिक है। 19 अगस्त 1988 को अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन ने 19 अगस्त 1988 को प्रत्येक वर्ष 21 अगस्त को वर्ल्ड सीनियर सिटिजंस डे व विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस मनाने की घोषणा की थी।
विश्व के परिपक्व आम प्रतिनिधियों की उपलब्धियों को जानने-समझने के लिए 21 अगस्त को वर्ल्ड सीनियर सिटिजंस डे है। विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस हमें वरिष्ठ नागरिकों के समर्पण, उपलब्धियों और जीवनपर्यंत की गई सेवाओं का सराहना करने का एक अवसर प्रदान करता है। वरिष्ठ नागरिक की सूझबूझ, ज्ञान और अनुभव की बदौलत हमारे सामज को समृद्ध बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका हैं।
संयुक्त राष्ट्र की प्रतिवेदन के अनुसार 2050 तक विश्व में 1.5 बिलियन लोग वरिष्ठ नागरिकों की श्रेणी में होंगे। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार कोरोना महामारी ने वैश्विक स्तर पर मौजूदा असामानताओं को बढ़ाने का काम किया है।गत तीन वर्षों में सामाजिक-आर्थिक की खाई बढ़ने के कारण पर्यावरण समेत स्वास्थ्य और जलवायु संबंधी प्रभाव उम्रदराज लोगों के पर कहीं अधिक पड़ा है।
वर्ल्ड सीनियर सिटिजंस डे अवसर उपलब्ध कराता है कि हम वरिष्ठ नागरिकों बारे में जागरूकता फैलाकर उपलब्धियों और जीवन में उठाई चुनौतियों का सम्मान करें। वरिष्ठ नागरिक संरक्षण से समाज और परिवार संरक्षित रहेगा।
धर्म, न्याय, संप्रभुता का द्योतक सेंगोल