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पर्यटन

कैंपिंग के हैं शौकीन तो जरूर जाएं इस नदी के किनारे

कैंपिंग के हैं शौकीन तो जरूर जाएं इस नदी के किनारे… यह क्षेत्र गुरेज घाटी का हिस्सा है जहां से किशनगंगा नदी नीलम घाटी में प्रवेश करती है. यहां खेशनगंगा LOC को पार करती है और नीलम नाम बनाती है.

जम्मू-कश्मीर घूमने के लिए बेहद खूबसूरत जगह है. यहां हर साल लोगों की अच्छी खासी भीड़ उमड़ती है. लोग पहाड़ी जगह पर दोस्तों या फैमली के साथ घूमने जाते हैं. इस दौरान शानदार नजारों के मजे लेने के साथ-साथ एडवेंचर जैसी चीजें भी करती हैं. इसमें कैम्पिंग भी शामिल है. कुछ लोगों को कैम्पिंग करना खूब पसंद होता है.

जम्मू-कश्मीर में मौजूद किशनगंगा नदी के पास कई ऐसी खूबसूरत जगहें हैं जहां आप कैंपिंग के आनंद लें सकते हैं. बता दें, किशनगंगा नदी को नीलम नदी भी कहते हैं. पाकिस्तान में नीलम नदी को किशनगंगा नदी के नाम से जाना जाता है. आइए जानते हैं किशनगंगा नदी के किनारे के जगहों के बारे में जहां आप कैंपिंग कर सकते हैं.

गुरेज घाट : गुरेज घाटी अब कश्मीर की पॉपुलर वैली बन चुकी हैं. अगर आप कश्मीर जाएं तो गुरेज वैली जरूर घूमें. इस घाट के एक पहाड़ को कवि हब्बा खातून के नाम से पहचाना जाता है. ऐसा बताया जाता है कि ये जगह एक प्रेम कहानी को खुद में समेटे हुए है. यहां से आप किशनगंगा नदी का खूबसूरत नजारा का मजा ले सकते हैं.

केरन : केरन गांव किशनगंगा नदी जिसे नीलम नदी कहते हैं , उसके किनारे में बसा हुआ है. बहुत कम लोगों को इस जगह के बारे में पता है जिसकी वजह यहां कम भीड़ रहती है. यहां की प्राकृतिक सुंदरता टूरिस्टों के दिल और दिमाग को जीत लेती है.

बागतूर : यह क्षेत्र गुरेज घाटी का हिस्सा है जहां से किशनगंगा नदी नीलम घाटी में प्रवेश करती है. यहां खेशनगंगा LOC को पार करती है और नीलम नाम बनाती है. हमारी तरफ के आखिरी गांव को ताराबल और पीओके के पहले गांव को ताओबत के नाम से जाना जाता है. पूरा बागतूर इलाका गुरेज घाटी के बाकी हिस्सों की तरह ही खूबसूरत है.

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कैंपिंग के हैं शौकीन तो जरूर जाएं इस नदी के किनारे... यह क्षेत्र गुरेज घाटी का हिस्सा है जहां से किशनगंगा नदी नीलम घाटी में प्रवेश करती है. यहां खेशनगंगा LOC को पार करती है और नीलम नाम बनाती है.

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