साहित्य लहर
कविता : मेरा भारत
जहां नारी देवी सम पूजी जाती है, जहां ममता की मृदुल छांव पग-पग पर मिल जाती है, वह देश है मेरा भारत। जहां योग पला और आयुर्वेद ऋचाएं गाईं जाती हैं, जहां रामायण- गीता घर-घर में पढ़ाई जाती है, वह देश है मेरा भारत। #मुकेश कुमार ऋषि वर्मा, आगरा, उत्तर प्रदेश
जहां गंगा की निर्मल धारा बहती है
जहां जन-जन के हृदय में राष्ट्रभक्ति पलती है
वह देश है मेरा भारत।
जहां गांव-गांव में प्रेम हवा चलती है
जहां कृष्ण की बंसी मधुर बजती है
वह देश है मेरा भारत।
जहां नारी देवी सम पूजी जाती है
जहां ममता की मृदुल छांव पग-पग पर मिल जाती है
वह देश है मेरा भारत।
जहां योग पला और आयुर्वेद ऋचाएं गाईं जाती हैं
जहां रामायण- गीता घर-घर में पढ़ाई जाती है
वह देश है मेरा भारत।
जहां मानवता धन्य-धन्य हो जाती है
जहां नफरत भी शीश नवाती है
वह देश है मेरा भारत।