साहित्य लहर
कविता : पिथौरागढ़
उसकी धारा में पड़े पवित्र पत्थर समय की कहानी वह बेहद सुंदर मौसम अक्सर याद आता बरसात के दिनों में प्यार का पताका फहराता #राजीव कुमार झा
रास्ते में पहाड़
कभी आने के लिए
कहते रहे
खामोश जंगल
यादों में गुजरते गए
एक नदी पीछे
बहती रही
उसकी धारा में पड़े
पवित्र पत्थर
समय की कहानी
वह बेहद सुंदर
मौसम अक्सर याद
आता
बरसात के दिनों में
प्यार का पताका
फहराता
इंद्रधनुष उस दिन उगा