साहित्य लहर
कविता : किए हुए
अब कोई डॉक्टर ही बताए, हाल -ए -दिल उन्हें, दिलरुबा को हुआ अरसा, चेक अप किए हुए, तन्हाइयां विलेय हैं, दर्द -ए -दिल के आंसुओं में, पी रहे हैं अश्क़ फिर, मिक्स अप किए हुए… #सिद्धार्थ गोरखपुरी
उदास चेहरे पर हँसी का मेकअप किए हुए
फिर रहे है कितने लड़के ब्रेकअप किए हुए
उदासियाँ भी उदास हैं, उन्हें उदास देखकर
एक अरसा हो गया है, उन्हें गपशप किए हुए
कोई पूछ ले जो हाल, बस कहते ठीक है
के जमाना हुआ जवाब में, थम्ब्स अप किए हुए
अब कोई डॉक्टर ही बताए, हाल -ए -दिल उन्हें
दिलरुबा को हुआ अरसा, चेक अप किए हुए
तन्हाइयां विलेय हैं, दर्द -ए -दिल के आंसुओं में
पी रहे हैं अश्क़ फिर, मिक्स अप किए हुए