एम्स ऋषिकेश में विश्व रोगी सुरक्षा दिवस का आयोजन
एम्स ऋषिकेश में विश्व रोगी सुरक्षा दिवस का आयोजन… इस महत्वपूर्ण दिन पर एम्स ऋषिकेश ने रोगी सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवा की गुणवत्ता में सुधार के लिए समर्पित प्रयासों के तहत विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया। इस वर्ष का मुख्य विषय था, “रोगी की सुरक्षा हेतु सटीक और समय पर निदान के महत्व” पर जागरूकता बढ़ाना। #अंकित तिवारी
ऋषिकेश। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में विश्व रोगी सुरक्षा दिवस मनाया गया। इस अवसर पर संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह ने रोगी को सुरक्षित और सम्मानजनक देखभाल प्रदान करने की महत्ता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हर अस्पताल की यह जिम्मेदारी है कि वह मरीजों को आवश्यक और सम्मानजनक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करे।
इस महत्वपूर्ण दिन पर एम्स ऋषिकेश ने रोगी सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवा की गुणवत्ता में सुधार के लिए समर्पित प्रयासों के तहत विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया। इस वर्ष का मुख्य विषय था, “रोगी की सुरक्षा हेतु सटीक और समय पर निदान के महत्व” पर जागरूकता बढ़ाना। कार्यक्रम का उद्घाटन प्रो. मीनू सिंह, डीन अकादमिक प्रो. जया चतुर्वेदी, और चिकित्सा अधीक्षक प्रो. संजीव कुमार मित्तल द्वारा दीप प्रज्वलन से हुआ।
प्रो. मीनू सिंह ने अपने संबोधन में बताया कि अस्पताल की प्राथमिकता मरीजों की बुनियादी जरूरतों, जैसे भोजन और स्वच्छता, का ध्यान रखना और सटीक निदान करना होना चाहिए। उन्होंने एंटीबायोटिक दवाओं के अत्यधिक उपयोग के खतरों पर भी प्रकाश डाला और इसके बारे में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
डीन अकादमिक प्रो. जया चतुर्वेदी ने सभी स्वास्थ्य कर्मियों को रोगी सुरक्षा के प्रति उनके समर्पण के लिए ‘कुशल नायक’ की उपाधि दी। उन्होंने अनावश्यक जांचों से बचने और रोगी की सुरक्षा को सर्वोपरि रखने पर जोर दिया। चिकित्सा अधीक्षक प्रो. संजीव कुमार मित्तल ने बताया कि रोगी सुरक्षा सभी स्वास्थ्य कर्मियों की संयुक्त जिम्मेदारी है और सभी को इस पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
कार्यक्रम की समन्वयक डी.एम.एस. डॉ. पूजा भदौरिया ने रोगी की देखभाल के हर चरण में नुकसान को रोकने और उनकी भलाई सुनिश्चित करने की महत्ता पर चर्चा की। इस अवसर पर रोगी सुरक्षा के चार प्रमुख उद्देश्यों – जागरूकता बढ़ाना, नैदानिक सुरक्षा को प्राथमिकता देना, सहयोग को बढ़ावा देना और रोगियों व उनके परिवारों को सशक्त बनाना – पर आधारित व्याख्यान माला का आयोजन भी किया गया।
प्रमुख वक्ताओं में डॉ. यतिन तलवार, डॉ. रविकान्त, डॉ. बेला गोयल, डॉ. नीलोत्पल चौधरी और डॉ. पंकज शर्मा शामिल थे। इस अवसर पर डी.एम.एस. डॉ. भरत भूषण, डॉ. अनुपमा बहादुर, चीफ नर्सिंग ऑफिसर रीटा शर्मा और विभिन्न विभागों के फैकल्टी सदस्य, डी.एन.एस और नर्सिंग अधिकारी भी उपस्थित थे।
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