उत्तराखण्ड समाचार

उत्तराखंड आएगा दुलर्भ सफेद बाघ… जानें इससे जुड़ी अनोखी कहानी

सफेद बाघ को उत्तराखंड लाने और बदले में चार तेंदुओं को भेजने के लिए वन विभाग के अधिकारियों की एक टीम जल्द ही उड़ीसा जाएगी।  टीम नंदनकानन चिड़ियाघर के अधिकारियों से सफेद बाघ को लाने से संबंधित प्रक्रिया के बारे में चर्चा करेगी।

देहरादून। उड़ीसा के नंदनकानन चिड़ियाघर से दुर्लभ नस्ल के सफेद बाघ को उत्तराखंड लाने की तैयारी है। उड़ीसा सरकार ने राज्य सरकार के इस प्रस्ताव पर सहमति दे दी है। अब प्रदेश सरकार केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण की मंजूरी के बाद सफेद बाघ को उत्तराखंड लाएगी। सफेद बाघ को देहरादून के चिड़ियाघर में प्रदर्शन के लिए रखा जाएगा। मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक डॉ. समीर सिन्हा ने इसकी पुष्टि की है। डॉ. सिन्हा के मुताबिक, उड़ीसा सरकार से देहरादून चिड़ियाघर में प्रदर्शन के लिए सफेद बाघ उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया था।

इस प्रस्ताव पर उड़ीसा के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक ने अपनी सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। बताया, दुर्लभ सफेद बाघ के बदले में चार तेंदुए नंदनकानन चिड़ियाघर भेजे जाएंगे। दोनों राज्यों के बीच सहमति बनने के बाद अब केंद्र सरकार की मंजूरी के लिए प्रस्ताव भेजा जाएगा। इस संबंध में देहरादून के प्रभागीय वनाधिकारी (डीएफओ) को नंदनकानन चिड़ियाघर के उपनिदेशक के साथ समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं।

सफेद बाघ को उत्तराखंड लाने और बदले में चार तेंदुओं को भेजने के लिए वन विभाग के अधिकारियों की एक टीम जल्द ही उड़ीसा जाएगी।  टीम नंदनकानन चिड़ियाघर के अधिकारियों से सफेद बाघ को लाने से संबंधित प्रक्रिया के बारे में चर्चा करेगी। राजस्थान के वन महकमे ने उत्तराखंड से चार टाइगर मांगें हैं। इन्हें राजस्थान के वन्य अभयारण्यों में रखा जाएगा। प्रदेश सरकार ने इस प्रस्ताव पर सैद्धांतिक सहमति दे दी है।

सफेद बाघ विलुप्त प्राय: वन्यजीव प्रजाति में शामिल है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि दुनियाभर में सिर्फ 200 सफेद बाघ हैं। इनमें से करीब 100 बाघ भारत में हैं। भारतीय नस्ल के सफेद बाघ को लेकर एक दिलचस्प कहानी है जो मध्यप्रदेश रीवा के महाराज मार्तंड सिंह और जोधपुर के राजा अजीत सिंह के साथ शिकार खेलने से जुड़ी है।

कहा जाता है कि शिकार के दौरान एक गुफा में बाघिन के साथ तीन शावक दिखे, जिनमें से दो को मार डाला गया और तीसरा जो देखने में बेहद अनोखा था, उसे पकड़कर गोविंदगढ़ के किले में लाया गया। इसका नाम मोहन रखा गया। सफेद बाघों को इसी मोहन की संतानें माना जाता है।


Devbhoomi Samachar

देवभूमि समाचार में इंटरनेट के माध्यम से पत्रकार और लेखकों की लेखनी को समाचार के रूप में जनता के सामने प्रकाशित एवं प्रसारित किया जा रहा है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Verified by MonsterInsights