इमरजेंसी में मेडिकल छात्रों ने की मारपीट तोड़फोड़, दो जूनियर डॉक्टर हटाए गए
इसी बात पर विवाद बढ़ गया। अस्पताल में मौजूद कुछ स्वास्थ्य कर्मियों के मुताबिक जूनियर डॉक्टर ने किसी से बात की। इसके बाद बड़ी संख्या में एमबीबीएस छात्रों को हुजूम पहुंचा। उन्होंने मरीज का इलाज छोड़ दिया और जो जहां मिला, उस पर टूट पड़े, और जमकर धुनाई की।
सिद्धार्थनगर। माधव प्रसाद त्रिपाठी मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी वार्ड में सोमवार रात करीब 11:30 बजे विवाद के बाद मेडिकल छात्रों ने मारपीट व तोड़फोड़ की। देर रात में हुए विवाद और शोरगुल से मरीज परिजन भी दहशत में आ गए। इस मामले में मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने मंगलवार को दो जूनियर रेजीडेंट को हटा दिया, जबकि अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है। इमरजेंसी में महिला मरीज के इलाज के दौरान तीमारदार और जूनियरर डॉक्टर से नोकझोंक हुई।
जूनियर डॉक्टर के बुलाने पर हास्टल से पहुंचे 100 से अधिक मेडिकल छात्रों ने जमकर उत्पात मचाया। तीमारदार के साथ ड्यूटी पर तैनात आउट सोर्स के साथ ही नियमित तैनात स्वास्थ्य कर्मियों को पीट दिया। इमरजेंसी में लगभग एक घंटे हाईवोल्टेज ड्रामा चला। पुलिस और प्रशासन के हस्ताक्षेप के बाद मामला शांत हुआ। विवाद की आशंका को देखते हुए मेडिकल कॉलेज प्रशासनिक भवन और संयुक्त जिला अस्पताल पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया।
नगर से सटे बसडिलिया गांव निवासी विन्ध्यवासिनी (64) पत्नी रामओजर पांडेय सोमवार देर शाम तबीयत खराब हो गई। उनके पुत्र राजन पांडेय मां को लेकर माधव प्रसाद त्रिपाठी मेडिकल कॉलेज पहुंचे। रात में अस्पताल के रजिस्टर में उनकी इंट्री की गई। इलाज को लेकर ड्यूटी पर तैनात जूनियर रेजिडेंट डॉ. कृष्णानंद पासवान से इलाज को लेकर कहासुनी शुरू हुई और मामला धमकी तक पहुंचा।
इसी बात पर विवाद बढ़ गया। अस्पताल में मौजूद कुछ स्वास्थ्य कर्मियों के मुताबिक जूनियर डॉक्टर ने किसी से बात की। इसके बाद बड़ी संख्या में एमबीबीएस छात्रों को हुजूम पहुंचा। उन्होंने मरीज का इलाज छोड़ दिया और जो जहां मिला, उस पर टूट पड़े, और जमकर धुनाई की। बीच- बचाव में आए नियमित और आउट सोर्स कर्मियों को भी नहीं छोड़ा। यहां गुस्सा शांत नहीं हुआ तो इमरजेंसी के गेट के दरवाजे पर लगा शीशा भी तोड़ दिए। अन्य सामान को क्षति पहुंचाया।
हालांकि, जानकारी होने से पहले मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने क्षतिग्रस्त सामान को हटा दिया। मामले की जानकारी मिलते ही सीओ सदर अखिलेश वर्मा, शहर कोतवाल सहित बड़ी संख्या में पुलिस टीम मौके पर पहुंच गई। प्राचार्य और प्रशासन के हस्ताक्षेप के बाद मामला शांत हुआ। इसमें ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक कृष्णानंद पासवान और डॉ. मनमोहन चौधरी को हटा दिया गया है। वहीं, मामले की जांच की जा रही है। जो प्रकाश में आएंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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