
इस अवसर पर साहित्यकार आकाश सारस्वत ने कहा कि जीवन में कथनी व करनी में अंतर नहीं होना चाहिए। वही अभिभावकों को चाहिए कि वे अपने बच्चों को बाहरी चीजें खाने के लिए प्रोत्साहित नहीं करना चाहिए, अपितु घर पर ताजा बना पौष्टिक आहार ही खाने को देना चाहिए जो श्रेष्ठ स्वास्थ्य की रामबाण औषधि हैं। #कार्यालय संवाददाता
[/box]जोधपुर। बाल प्रहरी और बाल साहित्य संस्थान अल्मोड़ा उत्तराखंड ध्दारा गूगल मीट पर आनलाईन अभिभावक सम्मेलन आयोजित किया गया। इसमें जोधपुर के साहित्यकार सुनील कुमार माथुर सहित 11 अभिभावकों व अतिथियों ने होली पर गीतों का गायन किया।
अभिभावक सम्मेलन के मुख्य अतिथि प्रकाश चन्द्र पाण्डेय थे और अध्यक्षता दयाल पांडे ने की। कार्यक्रम का संचालन नीरज पंत ने किया।
इस अभिभावक सम्मेलन में मध्यप्रदेश, राजस्थान, हरिद्वार, नैनीताल, अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथोरागढ़ और जोधपुर, अजमेर (राजस्थान), सहित देश भर से 11 अभिभावक व अतिथि ने होली पर गीतों का गायन किया और होली पर एक से बढकर एक शानदार गीतों का गायन कर वाह वाह लूटी।
इस अवसर पर साहित्यकार आकाश सारस्वत ने कहा कि जीवन में कथनी व करनी में अंतर नहीं होना चाहिए। वही अभिभावकों को चाहिए कि वे अपने बच्चों को बाहरी चीजें खाने के लिए प्रोत्साहित नहीं करना चाहिए, अपितु घर पर ताजा बना पौष्टिक आहार ही खाने को देना चाहिए जो श्रेष्ठ स्वास्थ्य की रामबाण औषधि हैं।
उन्होंने कहा कि होली आपसी प्रेम, स्नेह, सौहार्द और भाईचारे का त्योहार है जो आपस में प्रेम पूर्वक मिल कर मनाना चाहिए। कार्यक्रम के अंत में श्याम पलट पांडे व बाल साहित्य संस्थान अल्मोड़ा उत्तराखंड के सचिव उदय किरौला ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।









