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सम्पादक के नाम पत्र : झांकियों की संख्या सीमित करें

सम्पादक के नाम पत्र : झांकियों की संख्या सीमित करें… जिससे रास्ते जाम होने से अस्पताल, रेलवे व बस स्टेण्ड एवं अन्य आवश्यक कार्यों पर जाने वालो को भारी परेशानी होती है। आशा है कि राज्य सरकारें व स्थानीय प्रशासन इस ओर गंभीरता से ध्यान देकर झांकियों की संख्या सीमित करेगी। #सुनील कुमार माथुर, जोधपुर, राजस्थान

देश में विभिन्न जाति व धर्मों के लोग निवास करते हैं और यही वजह है कि हर माह किसी न किसी जाति के लोगों के तीज व त्यौहार आते हैं और जुलूस निकाले जाते हैं। चूंकि भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र हैं आज जुलूस के दौरान शौभायात्रा भी निकलने लगी हैं जिसमें नाना प्रकार की झांकियों को शामिल करने की इस वक्त हौड सी मची हुई है।

आज हालात यह है कि एक सौ एक तक झांकियां निकल रही है जिसके कारण यातायात दिन भर बंद सा हो जाता हैं और जनता-जनार्दन को वैकल्पिक मार्ग का सहारा लेना पड़ रहा है जिससे काफी समय व पेट्रोल डीजल बर्बाद हो जाता है।

अतः स्थानीय पुलिस व प्रशासन जनहित को ध्यान में रखते हुए झांकियों की संख्या 11 या 21 से अधिक की अनुमति न दें।‌ चूंकि ये झांकियां ट्रेक्टर ट्राली में होती है व धीरे-धीरे निकलती है।

जिससे रास्ते जाम होने से अस्पताल, रेलवे व बस स्टेण्ड एवं अन्य आवश्यक कार्यों पर जाने वालो को भारी परेशानी होती है। आशा है कि राज्य सरकारें व स्थानीय प्रशासन इस ओर गंभीरता से ध्यान देकर झांकियों की संख्या सीमित करेगी।

मां और बच्चों के टिफिन


सम्पादक के नाम पत्र : झांकियों की संख्या सीमित करें... जिससे रास्ते जाम होने से अस्पताल, रेलवे व बस स्टेण्ड एवं अन्य आवश्यक कार्यों पर जाने वालो को भारी परेशानी होती है। आशा है कि राज्य सरकारें व स्थानीय प्रशासन इस ओर गंभीरता से ध्यान देकर झांकियों की संख्या सीमित करेगी।

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