उत्तराखण्ड समाचार

दूसरे दिन भी बस्ती वालों ने किया प्रदर्शन, उठाई सीबीआई जांच की मांग

जैसे ही शव बस्ती में पहुंचा तो यहां स्थानीय निवासियों ने फिर हंगामा शुरू कर दिया। मौके पर कुछ बाहरी लोग भी इकट्ठा हो गए। लोगों ने मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग उठाई। हंगामे के दौरान एक एलआईयू कर्मचारी ने मौके की वीडियो बनाना शुरू किया तो लोगों ने उनके साथ मारपीट की और मोबाइल छीन लिया।

देहरादून। रेसकोर्स क्षेत्र में बच्ची की मौत के बाद बस्तीवासियों ने शुक्रवार को भी हंगामा किया। किशोरी का शव बस्ती में पहुंचने के बाद लोगों ने वहां आरोपियों पर सख्त कार्रवाई और मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग उठाई। इस दौरान मौके पर वीडियो बना रहे एक एलआईयू कर्मचारी के साथ मारपीट भी की गई और भीड़ ने उसका मोबाइल छीन लिया। उधर, इस मामले में पुलिस ने प्राथमिक साक्ष्यों और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर मुकदमे से हत्या व दुष्कर्म की धाराएं हटाकर लूथरा और उसके नौकर को गिरफ्तार कर लिया।

गौरतलब है कि रेसकोर्स में विधायक हॉस्टल के पास एक फ्लैट में अभिषेक लूथरा उर्फ राजा का परिवार रहता है। लूथरा ने पड़ोस की बस्ती की रहने वाली 15 वर्षीय किशोरी को दो माह से घरेलू काम के लिए नौकरी पर रखा था। अभिषेक का परिवार बृहस्पतिवार को ऊपर तल वाले फ्लैट पर सामान शिफ्ट कर रहे थे। इस दौरान देखा कि किशोरी बाथरूम में फंदे पर लटकी हुई थी। यह देखकर लूथरा ने उसे फंदे से उतारा और अस्पताल लेकर पहुंचे। लेकिन, डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। स्थानीय लोगों ने वहां पर हंगामा किया। आरोप था कि बच्ची को दुष्कर्म के बाद मारा डाला गया। विधानसभा में सदन की कार्यवाही चल रही थी। वहां भी कांग्रेस विधायकों ने हंगामा कर दिया।

कई विधायक मौके पर भी पहुंच गए। इसके बाद पुलिस ने बच्ची के शव का डॉक्टरों के पैनल से पोस्टमार्टम कराया। लेकिन, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बच्ची से न तो दुष्कर्म होने और न ही हत्या किए जाने की बात सामने आई। किशोरी की मौत का कारण हैंगिंग यानी फंदा लगाना आया। इस मामले में पुलिस ने अभिषेक लूथरा के खिलाफ दुष्कर्म, हत्या, मारपीट आदि की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया था। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शुक्रवार को किशोरी के शव को परिजनों के सुपुर्द कर दिया।

जैसे ही शव बस्ती में पहुंचा तो यहां स्थानीय निवासियों ने फिर हंगामा शुरू कर दिया। मौके पर कुछ बाहरी लोग भी इकट्ठा हो गए। लोगों ने मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग उठाई। हंगामे के दौरान एक एलआईयू कर्मचारी ने मौके की वीडियो बनाना शुरू किया तो लोगों ने उनके साथ मारपीट की और मोबाइल छीन लिया। इस दौरान महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल और बाल आयोग की अध्यक्ष गीता खन्ना ने एसपी सिटी प्रमोद कुमार के साथ परिजनों को समझाया। परिजनों ने सीबीआई जांच से संबंधित एक पत्र भी पुलिस को सौंपा।

पुलिस अधिकारियों ने इसे शासन को प्रेषित करने का आश्वासन दिया। घंटों चले इस प्रकरण के बाद परिजन बच्ची के शव को लेकर लक्खीबाग श्मशान घाट पहुंचे जहां उसका अंतिम संस्कार किया गया। उधर, एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि प्राथमिक साक्ष्यों के आधार पर हत्या और दुष्कर्म की धाराएं मुकदमे से हटा दी गई हैं। इस मामले में अभिषेक लूथरा और नौकर राजीव कुमार को आत्महत्या के लिए मजबूर करने, मारपीट और बंधक बनाकर बालश्रम कराने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है।

एसएसपी ने बताया कि पुलिस ने मौके सीसीटीवी फुटेज भी चेक किए हैं। इनमें दिख रहा है कि किशोरी बाथरूम की ओर अकेले ही स्टूल ले जाती दिख रही है। इसी का सहारा लेकर वह फंदे पर लटकी थी। कुछ समय बाद आरोपी अभिषेक लूथरा व अन्य लोग बालिका को बाथरूम से निकालकर बाहर लाते दिखाई दिए इसलिए पुलिस घटना को आत्महत्या मान रही है।


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