कविता : गोविन्द से गुरु
कविता : गोविन्द से गुरु… गुरु जिनके पथ-प्रदर्शक होते उनके जीवन में मुस्कान है। गोविन्द से गुरु, देश के ऐसे राष्ट्र-निर्माता पर भारत माता को अभिमान है, हम करते वंदन-नमन्-प्रणाम हैं गोविन्द से गुरु महान है। #डा उषाकिरण श्रीवास्तव, मुजफ्फरपुर, बिहार
विश्व को ज्ञान सिखाने वाले
विश्व गुरु कहलाने वाले,
करते नव राष्ट्र का निर्माण हैं
गोविन्द से गुरु महान है।
अंतर्मन प्रकाशित होता
गुरु के अमृत वाणी से,
इनके सद्गुण संदेशों से
होता राष्ट्र का कल्याण है।
गोविन्द से गुरु,,,,,,,,,,,,
भूले-भटके को राह दिखाकर
हृदय में राष्ट्र प्रेम भर देते हैं,
गुरु जिनके पथ-प्रदर्शक होते
उनके जीवन में मुस्कान है।
गोविन्द से गुरु,,,,,,,,,,,,,,
देश के ऐसे राष्ट्र-निर्माता पर
भारत माता को अभिमान है,
हम करते वंदन-नमन्-प्रणाम हैं
गोविन्द से गुरु महान है।
गोविन्द से गुरु,,,,,,,,,,,,,,